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एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए जगनमोहन रेड्डी ने रुकवाया काफिला

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए अपने काफिले को रोका. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी गुन्नावरम एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे जबकि एंबुलेंस इसी रास्ते से आ रही थी. एंबुलेंस को आता देख जगन मोहन रेड्डी ने अपने काफिले को रुकने का आदेश दिया और एंबुलेंस को निकलने का रास्ता दिया.

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जगन मोहन रेड्डी ने दिया एंबुलेंस को रास्ता
जगन मोहन रेड्डी ने दिया एंबुलेंस को रास्ता

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए अपने काफिले को रोका. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी गुन्नावरम एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे जबकि एंबुलेंस इसी रास्ते से आ रही थी. एंबुलेंस को आता देख जगन मोहन रेड्डी ने अपने काफिले को रुकने का आदेश दिया और एंबुलेंस को निकलने का रास्ता दिया.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही जगन मोहन रेड्डी सुर्खियों में हैं. इससे पहले वह अपने प्रजा दरबार के चलते सुर्खियों में थे. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर प्रजा दरबार लगाने की घोषणा की थी. रेड्डी ने एक जुलाई से प्रजा दरबार लगाने की घोषणा की थी.

सूबे के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद जगनमोहन रेड्डी ने लोगों से मिलने और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रजा दरबार लगाने का फैसला किया था. वह अपने अमरावती स्थित आवास पर लोगों से रोजाना एक घंटे मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे. गौरतलब है कि लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जगनमोहन रेड्डी ने राज्य में 3600 किलोमीटर की पदयात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने काफी संख्या में लोगों से मुलाकात की थी.

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विधानसभा चुनाव में जगनमोहन की चौंकाने वाली सफलता के पीछे पद यात्रा के माध्यम से सीधे मतदाताओं से जुड़ने की उनकी कोशिश को भी वजह बताया जाता है. अब, जबकि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हैं, उनकी इस पहल को जनता से जुड़े रहने की कोशिश और प्रदेश की सियासत में लंबी पारी खेलने की दिशा में की गई पहल के तौर पर देखा जा रहा है.

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