एक कहावत है कि आसमान से गिरे खजूर में लटके। यह उत्तराखंड के भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर सटीक बैठती है। चैंपियन कांग्रेस छोड़कर गाजे-बाजे के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। जब वे कांग्रेस में थे, तब के मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोले रहते थे। रावत ने उन्हें कभी तवज्जो नहीं दी। जिससे तंग आकर चैंपियन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने जमकर रावत को कोसा। राज्य की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी चैंपियन की पटरी नहीं बैठी। चैंपियन के साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत सख्ती से पेश आए।

पिछले दिनों उन्होंने भाजपा के दलित विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ मोर्चा खोल लिया। दोनों में जमकर वाक युद्ध हुआ। राज्य भाजपा संगठन ने चैंपियन को तीन महीने के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। पिछले दिनों चैंपियन का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे शराब पी रहे और रिवाल्वर लेकर नाच रहे हैं। साथ ही अभद्र भाषा का भी प्रयोग कर रहे हैं। इसे भाजपा हाईकमान ने गंभीरता से लिया और चैंपियन को अनिश्चितकाल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। साथ ही उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने का कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया।

पार्टी हाईकमान ने चैंपियन को पार्टी से बाहर करने का मन बना लिया है। वे अपनी हरकतों से पहले कांग्रेस और अब भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं। उनसे भाजपा पिंड छुड़ाना चाहती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चैंपियन के समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। चैंपियन के खिलाफ भी पुलिस प्रशासन ने कई मामलों में मुकदमे दर्ज कर उनके खिलाफ कारवाई करने का मन बनाया है। चैंपियन अब न तो घर के हैं और न ही घाट के।
(प्रस्तुति : मनोज मिश्र)