कांग्रेस में कर्नाटक और गोवा में जिस तरह से विधायक पाला बदलने में लगे हैं, उससे राजस्थान को लेकर भी पार्टी चौकन्नी हो गई है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव की हार के बाद से ही कांग्रेस के नेता सदमे की हालत में हैं। कांग्रेस को उम्मीद थी कि प्रदेश की 25 में से 10 सीटें तो उसकी झोली में आ ही जाएंगी। पर सब कुछ उलटा ही हो गया। प्रदेश में कांग्रेस सरकार सिर्फ बहुमत के किनारे ही बैठी हुई है। उसे बसपा के छह और 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। अब बसपा विधायक अपनी सुप्रीमो मायावती पर दबाव डाल रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने के बजाए उसे भी सत्ता में शामिल हो जाना चाहिए। इसके अलावा समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक भी अब सत्ता में भागीदारी के लिए छटपटा रहे हैं। इन सभी का तर्क है कि प्रदेश की सरकार में अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक को मंत्री पद मिला हुआ है, इसलिए अब उन्हें भी मंत्री बनाया जाए।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बसपा और निर्दलीय विधायकों के साथ ही अपने दल के कई वरिष्ठ विधायकों का दबाव भी महसूस कर रहे हैं। विधानाससभा का बजट सत्र चल रहा है, इसमें ही कई विधायकों की पीड़ा उजागर भी हो रही है। वरिष्ठ विधायकों में से एक दर्जन तो ऐसे हैं जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। ऐसे हालात में राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अब शासन में सब कुछ उलट पुलट के माहौल में बदल गया है। कांग्रेस की सरकार में वैसे भी सत्ता के दो गुट पहले से ही हैं। कांग्रेस में एक खेमा तो पूरी तरह से मुख्यमंत्री गहलोत के साथ है तो दूसरा खेमा उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ खड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री गहलोत अपने विधायकों को साथ लेकर चलने में माहिर हैं। उन्होंने तो बसपा और निर्दलीय विधायकों को एक रखा हुआ है। राज्य की कांग्रेस सरकार और संगठन में दो खेमों की भिड़ंत को भाजपा पूरे मजे लेकर देख रही है। राज्य में सत्ताधारी दल के अंदर जो उलट-पुलट की खबरें घूम रही हैं उसका असर तो प्रशासनिक कामकाज में भी दिख रहा है। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद तो अब प्रदेश के विधायकों की निगाहें इस पर टिकी हुई है कि आलाकमान में क्या होगा। कांग्रेस अध्यक्ष अगर गैर गांधी बना तो फिर विवाद भी तय है और उसका असर राजस्थान की सियासत पर पड़ेगा। उसके बाद प्रदेश में कांग्रेस नेताओं की निष्ठा में बदलाव देखने को मिलेगा।