कर्नाटक से लेकर गोवा तक मची भगदड़ से नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश हुई लंबी
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कर्नाटक से लेकर गोवा और राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस राजनीतिक चुनौतियों में ऐसी उलझी है कि नए अध्यक्ष की तलाश और लंबी होती जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्नाटक से लेकर गोवा और राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस राजनीतिक चुनौतियों के जाल में ऐसी उलझी है कि नए अध्यक्ष की तलाश और लंबी हो गई है। पार्टी के शीर्ष नेता कर्नाटक में सरकार बचाने की मशक्कत में इतने उलझे हुए हैं कि बीते तीन दिन से राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के संभावित नामों पर कोई चर्चा नहीं हो पायी है।
कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर अभी तक अंदरूनी फैसला नहीं होने की वजह से पार्टी की शीर्ष नीति नियामक इकाई कार्यसमिति की बैठक की तारीख तय नहीं हो पायी है, जबकि राहुल गांधी के इस्तीफे की चिठ्ठी सार्वजनिक करने के बाद पार्टी ने संकेत दिए थे कि कार्यसमिति की बैठक इस सप्ताह बुलाई जा सकती है। इसीलिए नए अध्यक्ष के नामों पर वरिष्ठ नेताओं के एक समूह के बीच चार-पांच बैठकों के दौर भी हुए। मगर कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के भाजपा के सियासी आपरेशन ने पार्टी को ऐसा झकझोर दिया है कि नए अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया ही जैसे थम गई है।
कर्नाटक और गोवा में पार्टी विधायकों के पाला बदलने की घटना के बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट में रस्साकशी परेशानी बढ़ा रही है। जबकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता आपसे में ही जोर आजमाइश कर रहे हैं।
पार्टी की सियासी मुश्किलों का आलम यह है कि राहुल गांधी का इस्तीफा मंजूर कर नएअध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की सबसे अहम और अनिवार्य बैठक की तारीख तय करने को लेकर असमंजस अब भी जारी है। इतना ही नहीं जैसे-जैसे नएअध्यक्ष के चुनाव में विलंब हो रहा है वैसे-वैसे अंदरखाने कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। राहुल गांधी ने अपने उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया से खुद को पूरी तरह दूर रखा हुआ है और इसीलिए पार्टी के कई नेता चुनिंदा नेताओं के बीच नए अध्यक्ष के संभावित नाम पर चर्चा को लेकर एतराज उठा रहे हैं।
पार्टी के पूर्व महासचिव वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने अध्यक्ष के नाम पर चर्चा कर रहे नेताओं की टीम की प्रासंगिकता पर ही सार्वजनिक रुप से सवाल उठाया है। द्विवेदी ने कुछ नेताओं के नए अध्यक्ष के नाम पर फैसला करने की बजाय कार्यसमिति में राहुल का उत्तराधिकारी तय करने की बात कही थी, जबकि पार्टी के एक अन्य दिग्गज डा कर्ण सिंह पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कार्यसमिति की बैठक बुलाकर बिना देरी कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने की आवाज उठा चुके हैं। मगर पार्टी में मची भगदड़ को थामने की सियासी कसरत इतनी चुनौतीपूर्ण हो गई है कि अपने नएअध्यक्ष की तलाश कांग्रेस के लिए कुछ ज्यादा ही लंबी हो गई है।