भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एक ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसके सफल होने पर भारतीय वायुसेना की ताकत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। दरअसल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बेंगलुरू की स्टार्ट अप कंपनी न्यू स्पेस रिसर्च टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर ‘स्वार्म ड्रोन’ प्रोजेक्ट को लेकर रिसर्च कर रही है। इस ड्रोन की खासियत होगी कि यह बालाकोट जैसे हवाई हमले करने में सक्षम होगा और खास बात ये होगी कि इसमें किसी पायलट की जरुरत नहीं होगी और यह पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित होगा।

एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार, स्वार्म ड्रोन झुंड में दुश्मन पर हमला करेंगे। कुछ ड्रोन्स को दुश्मन डिटेक्ट करके मार गिरा सकता है, लेकिन अधिकतर ड्रोन्स दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को छकाने में माहिर होंगे, जिससे किसी मिशन के सफल होने के चांस काफी ज्यादा हैं। इन ड्रोन्स को ALFA-S (Air Launched Flexible Asset या Swarm) नाम दिया गया है। इस ड्रोन की खासियत की बात करें तो इसमें 1 से 2 मीटर लंबे मुड़ने वाले विंग्स होंगे। इन ड्रोन्स को किसी अन्य विमान से लॉन्च किया जाएगा, जो कि विमान के विंग्स में लगे होंगे। विमान का पायलट हवा में किसी सुरक्षित स्थान से इन ड्रोन्स को लॉन्च कर सकेगा, जहां से ये ड्रोन अपने टारगेट को पहचान कर उस पर सुसाइड हमला कर सकेंगे।

ये ड्रोन 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकेंगे और इनमें लगी बैटरी से यह कई घंटे तक बिना किसी रुकावट के अपना काम कर सकेंगे। स्वार्म ड्रोन का पहला प्रोटोटाइप हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स द्वारा ही डेवलेप किए जा रहे हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स पर लगाया जाएगा। हालांकि बाद में इन्हें भारतीय वायुसेना के किसी भी एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जा सकेगा।

ड्रोन्स एक इलेक्ट्रोनिक डाटा लिंक के नेटवर्क के साथ जुड़े रहेंगे और अपने इन्फ्रारेड और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर से वह अपने टारगेट की पहचान कर सकेंगे। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल यूनिट, दुश्मन का रडार सिस्टम और एयरक्राफ्ट इन स्वार्म ड्रोन से तबाह किए जा सकेंगे। इन ड्रोन्स की अधिकतर तकनीक भारत में ही मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत डेवलेप की जा रही है।

बता दें कि अमेरिका, चीन, रुस और कुछ यूरोपीय देश भी ऐसे ड्रोन्स को डेवलेप करने में जुटे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी देश के इन ड्रोन्स को पूरी तरह से डेवलेप करने का दावा नहीं किया गया है। स्वार्म ड्रोन्स भारत सरकार के कॉम्बेट एयर टीमिंग सिस्टम प्रोजेक्ट या CATS का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत स्वार्म ड्रोन के साथ ही इनकी लॉन्चिंग के लिए एक रोबोटिक विंगमैन भी डेवलेप किया जाएगा। साथ ही CATS प्रोजेक्ट में अल्ट्रा-हाई एल्टीट्यूड ड्रोन्स का भी निर्माण किया जाएगा, जो कि तीन हफ्तों तक हवा में रहते हुए रियल टाइम इमेज और वीडियो भेज सकेंगे।