वैज्ञानिकों का कहना है कि डायबिटीज के कारण देश पर पहले ही करीब साढ़े सात करोड़ से ज्यादा मरीजों की स्वास्थ्य समस्याओं का बोझ है. यही हाल रहा तो साल 2045 तक देश में रोगियों की संख्या बढ़कर तकरीबन साढ़े 13 करोड़ हो जाएगी.शहरों में तेजी से विकास के बीच लोगों की डाइट क्वालिटी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी की वजह से इस छिपी हुई बीमारी को बढ़ावा मिल रहा है. स्टडी में शहरी इलाकों में उम्र, लिंग और बीएमआई के आधार पर डायबिटीज की दर का आकलन किया है.
साथ ही इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के शोध 'इंडिया डायबीटिज' का भी विश्लेषण किया. रिपोर्ट के मुताबिक, 20 साल के पुरुषों और महिलाओं में इस बीमारी के होने का खतरा क्रमश: 56 और 65 फीसदी बढ़ गया है.स्टडी में कहा गया है कि महिलाओं के पूरे जीवनकाल में इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा रहता है. 60 साल के महिला और पुरुष जिन्हें डायबिटीज नहीं है, उनमें भी यह बीमारी होने का खतरा क्रमश: 38 और 28 प्रतिशत है.शहरों में रह रहे मोटे लोगों को भी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है.
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