COVID-19: इंसान की त्वचा पर 21 घंटे और प्लास्टिक सतह पर आठ दिन तक जिंदा रहता है ओमिक्रॉन, इसलिए फैलने की रफ्तार सबसे तेज

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COVID-19: इंसान की त्वचा पर 21 घंटे और प्लास्टिक सतह पर आठ दिन तक जिंदा रहता है ओमिक्रॉन, इसलिए फैलने की रफ्तार सबसे तेज Coronavirus COVID19 OmicronVariant VariantofConcern

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कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से दुनियाभर में महामारी का असर फिर से बढ़ता जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और भारत के बाद अब यह वैरिएंट उन अफ्रीकी देशों में भी कहर ढा रहा है, जहां लोगों को सबसे कम वैक्सीन लगी हैं। इस बीच जापान के क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों ने जो रिसर्च तैयार की है, उसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने की कई अहम वजहें सामने आई हैं। स्टडी के मुताबिक, कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप इंसानी त्वचा पर 21 घंटे तक जिंदा रह सकता है, जबकि किसी...

जापान की इस यूनिवर्सिटी से जो स्टडी सामने आई है, उसकी खास बात यह है कि विशेषज्ञों ने कोरोनावायरस के सभी अलग-अलग वैरिएंट्स की पर्यावरण में स्थिरता की जांच की। इसमें वुहान से मिले स्वरूप के अलावा दुनिया में चिंता बढ़ाने वाले वैरिएंट्स भी शामिल किए गए थे। रिसर्च में सामने आया कि वुहान वैरिएंट के मुकाबले अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट त्वचा और प्लास्टिक पर दो गुना ज्यादा समय तक जिंदा रह सकते...

रिसर्चरों का कहना है कि इन खतरनाक वैरिएंट्स की पर्यावरण में स्थिरता काफी परेशान करने वाली है, क्योंकि यह संपर्क के जरिए फैलने का खतरा बढ़ाते हैं। स्टडी में पाया गया कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट बाकी स्वरूपों के मुकाबले सबसे लंबे समय तक पर्यावरण में स्थिर रहता है। इसी वजह से ओमिक्रॉन का प्रसार लगातार बढ़ रहा है और यह वैरिएंट जल्द ही डेल्टा की जगह ले लेगा।यूनिवर्सिटी की ओर से जारी रिसर्च पेपर की अब तक समीक्षात्मक स्टडी नहीं हुई है, हालांकि इसके आंकड़ों पर जाएं तो पता चलता है कि वुहान से निकला...

रिसर्चरों का कहना है कि इन खतरनाक वैरिएंट्स की पर्यावरण में स्थिरता काफी परेशान करने वाली है, क्योंकि यह संपर्क के जरिए फैलने का खतरा बढ़ाते हैं। स्टडी में पाया गया कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट बाकी स्वरूपों के मुकाबले सबसे लंबे समय तक पर्यावरण में स्थिर रहता है। इसी वजह से ओमिक्रॉन का प्रसार लगातार बढ़ रहा है और यह वैरिएंट जल्द ही डेल्टा की जगह ले लेगा।यूनिवर्सिटी की ओर से जारी रिसर्च पेपर की अब तक समीक्षात्मक स्टडी नहीं हुई है, हालांकि इसके आंकड़ों पर जाएं तो पता चलता है कि वुहान से निकला...

 

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बकवास है ये।

Dailies me fatkta bhi nai

फिर उसके बाद वो घूमने चला जाता है... 🤣🤣🤣

सरासर झूठ/ अफवाह ना फैलाये/ घटिया नयूज बनाने माहीर

Insaaf chahiye sir

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