कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र के उस नोटिस पर रोक लगा दी जिसमें पोलैंड के छात्र को महानगर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित रैली में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए भारत छोड़ने को कहा गया था. न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने 18 मार्च तक सरकार के नोटिस पर रोक लगा दी. उस दिन अदालत छात्र की याचिका पर आदेश सुनाएगी. पोलैंड का छात्र कामिल सिडज्योंस्की यादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहा है.
पोलैंड के नागरिक के आग्रह का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि छात्र वीजा धारक होने के कारण कोई भी विदेशी भारत की संसद द्वारा पारित कानून को चुनौती नहीं दे सकता है. केंद्र सरकार के वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा कि कोई विदेशी नागरिक संविधान के अनुच्छेद 19 को चुनौती नहीं दे सकता है क्योंकि यह उस पर लागू नहीं होता है. एडुल्जी ने कहा कि एफआरआरओ ने फील्ड रिपोर्ट के आधार पर उसे नोटिस जारी किया.
सिडज्योंस्की के वकील जयंत मित्रा ने अदालत में कहा कि 19 दिसम्बर 2019 को जब वह बाहर निकला तो यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने उसे महानगर के न्यू मार्केट इलाके में एक कार्यक्रम में साथ चलने के लिए कहा. उसने दावा किया कि उसने अनिच्छा से और उत्सुकतावश ऐसा किया. मित्रा ने कहा कि पता चला कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण प्रदर्शन था जिसमें समाज के विभिन्न तबके के लोग शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि छात्र जल्द ही अन्य छात्रों से अलग हो गया और सड़क किनारे दर्शक की तरह खड़ा हो गया.
अमेरिकी संस्था ने CAA को लेकर की सुनवाई, मुसलमानों को लेकर जताई चिंता, कहा- मताधिकार से वंचित हो सकते हैं मुस्लिम टिप्पणियांछात्र ने दावा किया कि एक व्यक्ति ने उससे कुछ सवाल पूछे और उसका फोटो भी खींचा और बाद में पता चला कि वह एक बंगाली दैनिक का फोटो पत्रकार है जिसमें उसका फोटो और कुछ संबंधित खबरें छपीं. मित्रा ने दावा किया कि अखबार में उसके हवाले से कुछ गलत बयान जारी हुए. पोलैंड के सेजसीन का रहने वाला सिडज्योंस्की 2016 से भारत में पढ़ रहा है.
सरकार के मुंह में तमाचा है
CAA-NCR भारत के लिए जरुरी ही नहीं है इसके लिए पहले के कानून ही काफी है सरकार को यह बात समझ में क्यों नहीं आरही है इस समय बड़े बड़े मुद्दे हैं सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए।
Aaj to bahut khush hoge Tum 😀
सरकार को TarekFatah abbas_nighat dallimedia जैसे दल्ले चाहिए जो कि सरकार की गलत नीतियों पर भी सरकार का साथ दे और इस का दोष nehrufamily को दे ।। yadavakhilesh AAPRajkot1 BBCHindi sakshijoshii ReallySwara kanhaiyakumar RahulGandhi INCIndia ANI
Abb to jo bhi MODI SARKAAR ke kihaalf h chahe hindu muslims sikhs isaai sbb ANTI NATIONALIST hai sbb desh dhrohi hain or pakistaan ke liye kaam krty hain 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 hain na aandh bhaktoon
Koi bhartiya agar aisa hi koi kaam videsh may ja k karta toh us desh sey us ko ab tak deport vi kia jata aur us pay travel baan vi lag jata;
इसका मतलब ! भारत में रहना है तो सत्ता धारी जो भी करें , उसमें उनका साथ देना है ! विरोधी बने , तो अंजाम के लिए तैयार रहो ........
कार्टून: ना नौकरी, ना कोई टेंशन तो घण्टा बजाओ yadavakhilesh samajwadiparty योगीजी_शिक्षामित्र_कैसे_मनाए_होली
Indian govt. Ne bilkul sahi kiya, NDTV ko kyo mirchi lagi hai, harami kahi ke
पुरी तरह फ़ासीवादी हो चुकी हैं मोदी सरकार।
यही हमारे संविधान की गलती है इसी संविधान को बदलना है मोदी जी हम सदैव आपके साथ खड़े है आज ऐसा ही कुछ हिंदुस्तान के छात्रों ने अमेरिका या किसी भी देश मे किया होता तो बिना नोटिस के अगले दिन वहां की सरकार उनको हिंदुस्तान भेज चुकी होती अब वक्त है संविधान की आड में गलत कामो को रोकना।
Good job
सरकार पूरी तरह से दमनकारी नीति अपना चुकी है मगर हमें ये कतई स्वीकार नहीं। हमें अपनी भारतीय न्यायपालिकाओ पर पूरा भरोसा है।
Ndtv तू भी भारत छोड़ दे
Only one world for रandi tv every day थू.......
साहरुख ही नाम है ना 😂😂😂
Tadeepar
Thanks ndtv for showing the reality
कोर्ट ने सिर्फ रोक लगाई है, विदेशी छात्रों की गैरजरूरी गतिविधि पर बहस होना अभी बाकी है।
जो कोर्ट महिनो से सडक जाम करने वालो पर कानूनी कारवाई करने का छोड़ कर बातचीत करने वार्ताकार भेजता है उनसे और क्या उम्मीद कि जा सकती है?!!!
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