गुजरात में राज्यसभा के लिए दो सीटों पर हुए  उप चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं।  विदेश मंत्री एस जयशंकर और ओबीसी नेता जुगलजी ठाकोर बीजेपी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीत गए हैं। इन दोनों ने कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रिका चुडासमा और गौरव पंड्या को हराया। इससे पहले यह चुनाव भी विवादों में घिर गया था। कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया था। बीजेपी को वोट देने वालों में अल्पेश ठाकोर और धवलसिंह झाला शामिल हैं। हालांकि, वोटिंग के बाद ये दोनों विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक शैलेश परमार ने दोनों विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग करने पर आपत्ति जताते हुए उनका वोट रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस इस सिलसिले में चुनाव आयोग पहुंची थी लेकिन अंतत: बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों को विजेता घोषित कर दिया गया। बता दें कि साल 2017 में भी राज्य सभा चुनाव के वक्त गुजरात में विवाद हुआ था। तब तीन सीटों में से दो सीटों पर अमित शाह और स्मृति ईरानी का चुनाव हुआ था जबकि तीसरे सीट के लिए कांग्रेस को रातों-रात अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। अंतत: जीत कांग्रेस के अहमद पटेल की हुई थी।

इस बार अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा में चुने जाने की वजह से खाली हुई सीट पर चुनाव हुए हैं। बीजेपी की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर और ओबीसी नेता जुगलजी ठाकोर उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस से चंद्रिका चुडासमा और गौरव पंड्या उम्मीदवार थे।

182 सदस्यों वाली गुजरात विधान सभा में फिलहाल 175 सदस्य ही वोटिंग के लिए उपयुक्त थे। चार सीटें खाली हैं, जबकि तीन वोटिंग के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं। बीजेपी के पास कुल 100 विधायक जबकि कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं। एक कैंडिडेट को जीतने के लिए 88 वोट चाहिए थे।

बता दें कि कांग्रेस को गुजरात में शुक्रवार (पांच जुलाई, 2019) को बड़ा झटका लगा है। अल्पेश ठाकोर और धवल सिंह जाला ने राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान के बाद गुजरात विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।

‘एएनआई’ से उन्होंने कहा, “मैंने राहुल गांधी पर यकीन के बाद कांग्रेस ज्वॉइन की थी, पर बदकिस्मती से उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया। बार-बार हमारी बेइज्जती की गई। ऐसे में मैंने कांग्रेसी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।”

वहीं, जाला बोले- कांग्रेस के लोग बार-बार हमारा अपमान कर रहे थे। वे पार्टी के छोटे नेताओं की सुन ही नहीं रहे थे। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए मैंने कांग्रेसी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।