घड़ी की सुइयों की टिकटिक आपको सुनाई पड़े या न सुनाई पड़े, लेकिन आप अपने दिल की धड़कनों की तेजी को बहुत अच्छे से सुन रहे होंगे. थोड़ी बेसब्री...थोड़ी अधीरता...थोड़ी उत्सुकता और बहुत सारी उम्मीदों से अपने दिल को संवारकर कि आज की रात चांद हिंदुस्तान का हो जाएगा.
चांद के दक्षिणी छोर पर हिंदुस्तान का चंद्रयान अपने कामयाबी भरे अभियान के आखिरी चरण में पहुंच चुका है. बस चंद घंटों की दूरी पर चांद पर हिंदुस्तान होगा, लेकिन चांद पर हिंदुस्तान की कामयाबियों के कदम पहुंचेंगे, उसमें आखिरी 15 मिनट बेहद चुनौती भरे होंगे. आखिरी 15 मिनट के पहले 10 मिनट में चंद्रयान-2 चांद से 7.7 किलोमीटर दूर रह जाएगा. उसके बाद अगले 38 सेकंड में वो 5 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. इसके अगले 89 सेकंड में उसकी रफ्तार बेहद धीमी होगी और वो 400 मीटर का सफर तय करेगा.इसके बाद अगले 66 सेकंड में वो चांद से महज 100 मीटर की दूरी पर पहुंच जाएगा, लेकिन चांद तक पहुंचने का ये रास्ता आसान नहीं होगा. आखिरी 100 मीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम लैंडिंग को लेकर आखिरी फैसला करेगा.
लैंडर विक्रम के चांद पर उतरने के 2 घंटे बाद उसका रैंप खुल जाएगा. इसके अंदर से रोवर प्रज्ञान बाहर आएगा और अपने वैज्ञानिक प्रयोग शुरू कर देगा. प्रज्ञान चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर जाएगा जहां रोशनी नहीं है. ये इलाका अंधकार में डूबा रहता है, लेकिन यहां पानी होने की संभावना है. प्रज्ञान बताएगा कि वहां पानी है या नहीं? साथ ही ये भी पता करेगा कि वहां पर कोई मिनरल वगैरह भी हैं क्या?
ये जानकारी इसलिए भी जरूरी है कि चंद्रमा पर स्पेस स्टेशन बनाने के लिए पानी की जरूरत होगी. 22 जुलाई को जब चंद्रयान-2 चांद के लिए निकला था, तो एक मुकम्मल अंतरिक्ष यान था. धीरे-धीरे इसके दो हिस्से हुए ऑर्बिटर और लैंडर. अब रोवर यानी प्रज्ञान भी अलग होने वाला है. इन तीनों को ट्रैक करना इसरो के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती होगी, लेकिन 48 दिनों की महान साधना से इसरो के वैज्ञानिकों ने उस दूरी को बच्चों का खेल बना दिया है, जो धरती से चांद को तीन लाख 84 हजार किलोमीटर दूर पाता है.
Our space scientist of isro are big challengers .So we can hope that every thing will be easy and normal
आज चंद्रयान २ चांद पर उतर रहा है । जियो का नेट फूल चल रहा है और बाकी कम्पनी आे का नेट प्लान चल नहीं रहा , कोई षड्यंत्र की मुझे बू अा रही है
इस अनमोल पलों में मनोज तिवारी की जोकराई दिखाना ज़रूरी नही। धोबी कभी कहने से गधे पर नही बैठता। इसी ने एक स्कूल की सरेआम बेइज़्ज़ती की थी उसके गाना सुनाने के आग्रह पर। और खुद हर जगह बेसुरा राग अलापता रहता है।
All is well 🇮🇳🙏🙏
चंद्रयान -2 लैड होने वाला है ! मीडिया मोदी-2 के नारे लगा रही है ! 80% जनता को पता नही कि “इसरो” की स्थापना नेहरू ने की थी ! शायद यही वह कार्य है जिसके कारण तड़ीपार गैंग नेहरू को हमेशा के लिये भुलाना चाहता है ! मगर एम्स मे नेहरू कब तलब कर ले यह भूल जाते है ! Chandrayaan2
Vikram Sara bhai ji ki suruat ab sara chaand apna 👍
जित छिन ले हार से हम इंडिया वाले😘😘 धन्यवाद टीम ISRO
But i know our isro team will do it without difficulty
कैमेरा लेकर रिपोर्टिंग टीम तो पहले ही जानीं चाहिये थी
काश यह क्रैश हो जाता।
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