Jagannath Rath Yatra 2019 Live Streaming Online Updates: दुनियाभर में प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आज से शुरु हो गई है। ओडिशा की तीर्थ नगरी पुरी में भगवान जगन्नाथ की इस भव्य यात्रा को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं। पुरी के अलावा गुजरात में भी भगवान जगन्‍नाथ की भव्‍य यात्रा का आयोजन होता है। जिसमें  हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और यात्रा में रथ खींच कर पुण्य कमाते हैं। और 10 दिनों तक यह यात्रा चलती है। ओडिशा में इस यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री अमित शाह सहित तमाम नेताओं इस यात्रा की सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं भी दी। यह यात्रा हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी से आरंभ होती है और दशमी तिथि को समाप्त होती है। रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा व सुदर्शन चक्र और अंत में गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं। यहां जानें इस यात्रा से जुड़ी हर पल की जानकारी…

Jagannath Rath Yatra 2019: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, जानें इस यात्रा का महत्व और इतिहास

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Jagannath Rath Yatra Live Update

17:45 (IST)04 Jul 2019
जगन्नाथ मंदिर का महाप्रसाद

जगान्नाथ रथ यात्रा उड़ीसा की सांस्कृतिक झलक को दर्शाती है। पुरी रथयात्रा के दौरान उड़ीसा की हवाओं में प्रभु जगन्नाथ की आस्था का रंग घुला हुआ होता है। जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का एक आकर्षण यहां मिलने वाला महाप्रसाद भी है। महाप्रसाद दो तरह का होता है- एक सूखा और दूसरा गीला। सूखे प्रसाद में मीठाई आदि आते हैं तो दूसरे में मिक्स चावल, सब्जी, सागा भाज़ा (पालक फ्राई) और मालपुआ आदि। तो चलिए आज बनाना सीखते हैं मालपुए और सागा भाजा।

16:52 (IST)04 Jul 2019
स्नान यात्रा

यह यात्रा रथ यात्रा से लगभग 18 दिन पहले शुरू हो जाती है। इस क्रम में पहले भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा को औपचारिक जल स्नान कराया जाता है। जिसे स्नान यात्रा के नाम से जाना जाता है।

16:25 (IST)04 Jul 2019
बाहुदा यात्रा

देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान जगन्नाथ चार महीने के लिए शयन पर चले जाते हैं। इससे पहले, भगवान जगन्नाथ को अपने मुख्य मंदिर मे लौटना आवश्यक है। इसलिए रथयात्रा के 8वें दिन के बाद, दशमी तिथि पर अपने मुख्य मंदिर लौटने की यात्रा को बाहुदा यात्रा के नाम से जाना जाता है। बाहुदा यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ देवी अर्धासिनी घर में एक छोटा सा पड़ाव रखते हैं। अर्धासिनी के इस मंदिर को मौसी मां मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

15:37 (IST)04 Jul 2019
इस यात्रा में पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा श्रद्धालु आने की है संभावना...

एक सप्ताह चलने वाले इस महोत्सव के दौरान पुरी में करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है जो पिछले साल से 30 प्रतिशत से ज्यादा है।

15:24 (IST)04 Jul 2019
ऐसे निकलती है ये यात्रा...

इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं रखी जाती हैं। इन सभी प्रतिमाओं को रथ में बिठाकर नगर का भ्रमण करवाया जाता हैं। और 10 दिन तक यह यात्रा चलती है। यात्रा में तीन रथ होते हैं जो लकड़ी के बने होते हैं। जिन्हें श्रद्धालु खींचकर चलते हैं। और दुनिया भर से श्रद्धालु इस रथ को खीचनें और इस भव्य यात्रा को देखने के लिए आते हैं।

15:05 (IST)04 Jul 2019
इस रथयात्रा में भगवान के 10 रूपों की होती है पूजा...

आपको बता दें कि रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को दशावतारों के रूप में पूजा जाता है, जिनमें विष्णु, कृष्ण, वामन और बुद्ध भी शामिल हैं।

14:47 (IST)04 Jul 2019
यूनेस्‍को द्वारा पुरी के एक हिस्‍सों को वर्ल्‍ड हेरिटेज में किया गया शामिल...

यूनेस्‍को द्वारा पुरी के एक हिस्‍सों को वर्ल्‍ड हेरिटेज यानी कि वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के बाद से यह दूसरी रथ यात्रा है।

14:35 (IST)04 Jul 2019
ऐसे शुरु हुई यहां रथयात्रा...

इस यात्रा को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं। एक पौराणक कथा अनुसार एक दिन भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा प्रभु जगन्नाथ के सामने प्रकट की और द्वारका के दर्शन कराने की प्रार्थना की। जिसके बाद भगवान जगन्नाथ ने उनकी इच्छा की पूर्ति के लिए उन्हें रथ में बैठाकर नगर का भ्रमण करवाया। जिसके बाद से यहां हर साल जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाती हैं।

14:17 (IST)04 Jul 2019
10 दिनों तक मनाया जाता है यह उत्सव...

जगन्नाथ रथ उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरंभ होती है और दशमी तिथि को समाप्त होती है। इस दौरान इस रथ यात्रा में शामिल होने देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

13:48 (IST)04 Jul 2019
रथ यात्रा के बारे में...

रथ यात्रा के दौरान तीन रथों का प्रयोग किया जाता है। एक में भगवान जगन्नाथ दूसरे में भगवान बालभद्र और तीसरे में बहन सुभद्रा अपने घर यानी कि जगन्नाथ मंदिर से रथ में बैठकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है।

13:06 (IST)04 Jul 2019
इस्कॉन मंदिर में पूजा कर नुसरत जहां ने कहा कि मैं पैदाइशी मुसलमान हूं लेकिन हर धर्म का सम्मान करती हूं...

नुसरत जहां पश्चिम बंगाल की बसीरहाट लोकसभा सीट से TMC सांसद हैं। नुसरत जहां ने इस दौरान विवाद पर जवाब देते हुए कहा कि वह पैदाइशी मुसलमान हैं और इस्लाम में विश्वास रखती हैं। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करती हैं।

13:02 (IST)04 Jul 2019
नुसरत जहां रथ यात्रा में हुई शामिल...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान उनके साथ बंगाली एक्ट्रेस और TMC सांसद नुसरत जहां भी पहुंचीं भी अपने पति संग मौजूद थीं। आयोजकों ने नुसरत जहां को बतौर मुख्य अतिथि यहां आमंत्रित किया।

12:53 (IST)04 Jul 2019
गुजरात के मुख्यमंत्री ने की पूजा-अर्चना

जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इस यात्रा का आयोजन ओडिशा में होता है।

12:38 (IST)04 Jul 2019
अमित शाह ने की मंगला आरती

गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी पत्नी सोनल शाह संग लाखों भक्तों के बीच लगभग 4 बजे जमालपुर के जगन्नाथ मंदिर में ‘मंगला आरती’ की। 

12:30 (IST)04 Jul 2019
यात्रा की पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए दी बधाई

उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ से सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं। जय जगन्नाथ।