कश्मीर नीति पर गृह मंत्री अमित शाह की पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करने पर राजद सांसद मनोज झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। राजद सांसद ने कहा कि हर चीज के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया जाता है। यह पूरी तरह से गलत है।दरअसल जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने को लेकर संसद के उच्च सदन राज्यसभा में चर्चा चल रही थी।

राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए झा ने कहा ‘मैं पिछले पांच साल से देख रहा हूं देश में तमाम चीजों के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। गनीमत है कि बिहार में चमकी बुखार या देश के किसी हिस्से में जल संकट को लेकर उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा रहा। 2014 में आपने (बीजेपी) विपक्ष और कांग्रेस को हराया और 2019 में भी आपने ऐसा ही किया। तो बार-बार नेहरू जी बीच में कहां से आ जाते हैं? मेरा मानना है कि चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू किसी पार्टी के नहीं देश की विरासत हैं। आप हमें हरा लीजिए पर बार-बार इनका नाम मत लीजिए।’

राजद सांसद ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कहा ‘देश तय करे कि उसे जमीन चाहिए या लोग, अगर हमें लोग चाहिए तो नीतियां उस तरह की बनानी होंगी। हम कश्मीर की जगह लेकर क्या करेंगे जब हमारे पास वहां जिंदा आदमी ही नहीं होंगे। हमें कश्मीर को लेकर बेहद संजीदगी से सोचना होगा। मैं हमेशा मानात हूं कि कश्मीर एक विवादस्पद जगह रही है। इतिहास लेखन की एक धारा है जिसमें लोग कल्पनाएं करते हैं। और कल्पना करना इतिहासकारों के लिए अच्छा है राजनेताओं के लिए नहीं। विभाजन के समय कौन पहले सहमति दे रहा था और कौन नहीं इसको इतिहास में जाकर पढ़ें।’ इस दौरान उन्होंने एमजे अकबर की किताब ‘नेहरू-द मेकिंग ऑफ इंडिया’ का जिक्र किया तो गृह मंत्री पीछे मुड़कर उनकी (एमजे अकबर) की तरफ देखने लगे।

मालूम हो कि राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए सोमवार (एक जुलाई, 2019) को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्री ने इससे जुड़ा प्रस्ताव पेश किया था। इस दौरान वे नेहरू पर जमकर बरसे थे। शाह ने कहा था कि नेहरू ने राज्य में ‘असंतोष के बीज बोए’ थे। उन्होंने इसके साथ ही कहा था कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को वापस लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।