BHU विवाद: RSS ने फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध को बताया गलत

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आरएसएस का कहना है कि फिरोज ख़ान का विरोध करना गलत है

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इस मसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक बैठक हुई. . वैधानिक चयन प्रक्रिया से नियुक्त किसी भी व्यक्ति का साम्प्रदायिक आधार पर विरोध विधि विरूद्ध व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है.

इस बीच आरएसएस की संस्था संस्कृत भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीश देवपुजारी ने कहा कि अगर मुसलमान ने साहित्य पढ़ाया तो कौन सा संकट आ गया? संस्कृत भारती ने छात्रों से आंदोलन वापस लेने और फिरोज खान से निर्भय होकर यूनिवर्सिटी में शिक्षण करने की अपील की है. वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन से माहौल शीघ्र सामान्य करने की मांग की है.

श्रीश देवपुजारी ने कहा कि बीएचयू की घटना पर संस्कृत भारती से भी तमाम लोगों ने सवाल पूछे हैं. कोई भ्रम न फैले, इस नाते संस्कृत भारती की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर रहा हूं. संस्कृत भारती पूरे विश्व को संस्कृत सिखाने निकली है. संस्कृत भारती का भारत के अतिरिक्त 17 देशों में काम है, जिसमें अरब देश भी हैं. हम गीत गाते हैं- पाठ्येम संस्कृतं जगति सर्व मानवान. भारत में हमने जो हजारों व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, उन्हीं में से एक डॉ. फिरोज खान भी हैं.

श्रीश देवपुजारी ने कहा कि पहले समझ लेना होगा कि डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के तहत साहित्य विभाग में हुई है. किसी भी संकाय में कई विभाग होते हैं. बीएचयू के संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में भी साहित्य, व्याकरण, धर्मशास्त्र, वेद आदि विभाग हैं. यदि किसी मुसलमान ने साहित्य पढ़ाया तो कौन सा संकट आ गया?

संस्कृत भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीश देवपुजारी ने कहा कि कुछ लोग संचार माध्यमों से यह असत्य प्रचार कर रहे हैं कि डॉ. फिरोज अब कर्मकांड पढ़ाएंगे, यज्ञ कराएंगे, नियुक्ति प्रक्रिया पर संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर हैं. क्या वे किसी मुसलमान को कर्मकांड पढ़ाने या यज्ञ कराने के लिए नियुक्त करेंगे. सब के विभाग भिन्न-भिन्न हैं और सभी में विद्वान प्राध्यापक हैं.

 

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सही भारतीय सुसच्छित निर्णय।।

b. J. P ke raj me savidhan OR loktantra khatre me

मुझे खेद है कि r s s के ये बिचार है ,औऱ यदि यही बिचार है r s s के तो मैं इंतजार कर रहा हु जब r s s अपना अगला संघप्रमुख किसी मुस्लिम को बनाये

RSSorg का सही कथन है जो हिन्दू, हिन्दू संस्कृति से जुड़ रहे अन्य समुदायों के विरोध में हैं वे तो हिन्दू और भारत का विरोध ही तो कर रहें हैं। आप भारत को सीरिया या अन्य कट्टर मुस्लिम देश की तरह कल्पना नहीं कर सकते कि सिर्फ हिन्दू ही यहां रहेगा, हर जाति व सम्प्रदाय इसका अटूट हिस्सा

Sab sahi hain hamen nahi jaanani apani sanskrti kisi gair hindu se....

Good

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