ANALYSIS: आकाश मुद्दे पर PM मोदी की नाराजगी से सन्नाटे में मध्य प्रदेश भाजपा
अपनी ही पार्टी के कद्दावर महामंत्री और उनके विधायक बेटे को कटघरे में खड़ा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सख्त नाराजी ...अधिक पढ़ें
- News18 Madhya Pradesh
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अपनी ही पार्टी के कद्दावर महामंत्री और उनके विधायक बेटे को कटघरे में खड़ा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सख्त नाराजी जाहिर की है उसने मध्यप्रदेश भाजपा को एक तरह से सन्नाटे में ला दिया है. भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने जिस तरह विधायक आकाश विजयवर्गीय के बैटकांड को निशाना बनाकर घमंड और दुर्व्यवहार को नाकाबिले बर्दाश्त कहा है. उसने भाजपा संगठन को सकते में ला दिया है. प्रधानमंत्री ने दरअसल मध्यप्रदेश से सासंद प्रहलाद पटेल और पूर्व मंत्री कमल पटेल को भी घेरा है जिनके बेटे अपराधिक मामलो में गिरफ्त में आए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियां कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजवर्गीय ने बटोरी हैं. क्योंकि भाजपा का एक पूरा खेमा आकाश की बल्लेबाजी और जेल यात्रा को हीरो की तरह पेश करने में जुट गया था.
टाइगर इज बेक
सोशल मीडिया ट्रेंड मैं ट्रेंड चलाए जा रहे थे. "मैं भी बल्लेबाज" और "टाइगर इज बेक" यह हैशटेग अधिकारियों की पिटाई और जेल यात्रा को जायज ठहरा रहे थे. सोशल मीडिया में बल्लेबाज नेताओं की टीम खड़ी कर रहे थे. प्रधानमंत्री की कड़ी फटकार ने इस पूरी मुहीम को जहां ठंडा कर दिया है. वहीं भाजपा संगठन को सचेत भी कर दिया है कि वह आने वाले समय में कभी भी किसी व्यक्ति विशेष की गलती को पूरी पार्टी का मुद्दा न बनने दे.
खुफिया जानकारी ली
भाजपा के वरिष्ठ नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने आकाश विजयवर्गीय वाले मामले में अपने स्तर पर खुफिया अधिकारिक रिपोर्ट ली थी. जिसमे विधायक का पक्ष कमजोर है यह पूरी तरह साफ हो गया. बावजूद इसके भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे का पक्ष लिया और एक नेशलन चैनल के साथ बातचीत में दुर्व्यवहार किया. यह घटना जिस तरह सोशल मीडिया में ट्रेंड हुई उसने पीएम की नाराजी को और बढ़ा दिया.
दे दनादन नहीं चलेगा
भाजपा के अंदरूनी खेमे से जुड़े नेता मानते हैं कि संसदीय दल की बैठक से जो बातें बाहर आई हैं उनमे एक बात काबिले गौर है- मोदी ने कहा है कि हम अपना खून-पसीना एक कर पार्टी को खड़ा कर रहे हैं और ये नामदार घमंड और दुर्व्यवहार कर रहे हैं. यह बयान बताता है कि भाजपा में अब हर नेता को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना है. पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनानदन जैसी कार्यसंस्कृति मानने वाले नेता अब बर्दाश्त नहीं होंगे.
छवि को मजबूत किया
भाजपा संगठन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि नि:संदेह इस पूरी घटना ने पीएम मोदी की छवि को और भी मजबूत और उंचा किया है. वे यहां तक कह गए हैं कि एक विधायक कम होगा तो क्या हो जाएगा. जबकि प्रदेश भाजपा 109 विधायकों के साथ सात अंकों से बहुमत के आंकड़े से दूर है. और विधायकों के दबाव में है. मोदी ने इस दबाव से भी संगठन के नेताओं को मुक्त कर दिया है.
कार्रवाई का इंतजार
अब मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री की नाराजगी का क्या असर दिखता है. भाजपा का प्रदेश संगठन विधायक आकाश विजयवर्गीय पर क्या कार्रवाई करता है. मोदी की सख्त टिप्पणी को 24 घंटे बीत चुके हैं लेकिन अभी तक संगठन की ओर से कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है. मामला चूंकि राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे का है इसलिए प्रदेश संगठन इसमे सीधे हस्तक्षेप से बच रहा है. पार्टी का संविधान खंगाला जा रहा है. जिसमे देखा जा रहा है कि विधायक के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को है.
साध्वी पर भी कार्रवाई नहीं
भाजपा के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि चुनाव के दौरान महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लेकर भी उन्होंने कहा था कि वे उन्हें माफ नहीं करेंगे. इसके बाद उन्हें संगठन ने शो- काज नोटिस तो जारी किया लेकिन कार्रवाई अभी तक कुछ नहीं हुई है. इसलिए इस मामले में भी कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि क्या एक्शन होगा.
मामले को देखा जा रहा है
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि इस पूरे मामले में क्या कहा गया है और क्या कार्रवाई होगी यह देखा जा रहा है. यह मसला संभवत राष्ट्रीय संगठन के अधिकार का है. प्रदेश अध्यक्ष उस बैठक में मौजूद थे. वे अभी दिल्ली में ही हैं. वे जैसा निर्देश दें वैसा पालन होगा.
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