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राज्यसभा: जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को मिली मंजूरी, टीएमसी-सपा ने भी किया समर्थन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Sneha Baluni Updated Mon, 01 Jul 2019 09:45 PM IST
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Lok Sabha Rajya Sabha Live Updates: shah will introduce bill to increase presidential rule in valley
अमित शाह - फोटो : ANI
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गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने वाले विधेयक पेश किया। कश्मीर घाटी में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। विधेयक को लोकसभा में शुक्रवार को पेश किया गया था। जिसपर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विरोध दर्ज किया था।


अपडेट्स:

-राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने वाले विधेयक को मिली मंजूरी। विधेयक का सपा, बीजेडी, टीएमसी सहित कई दलों ने किया समर्थन। 

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अमित शाह का भाषण, कश्मीर पर चर्चा का जवाब  

-जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग। कश्मीरी पंडित अपने ही देश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। हमें उनकी वापसी की उम्मीद है।
-घाटी से सूफी संतों को खदेड़ दिया गया, चुन चुनकर मार दिया गया। वो देश की एकता की बात कहते थे। कहां चली गई यहां से सूफी परंपरा?
-एक समय आएगा जब क्षीर भवानी मंदिर पर कश्मीरी पंडित पूजा करते नजर आएंगे। 
-अटल जी के रास्ते पर हैं मोदी सरकार। 
-कश्मीरियत की बात है तो सबकी बात होनी चाहिए।
-हमारा रूख साफ है, जो देश को तोड़ने की बात करेंगे, हम उसे उसी की भाषा में जवाब देंगे।
-जम्हूरियत कुछ परिवारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। 
-आयुष्मान योजना का सबसे ज्यादा फायदा जम्मू कश्मीर को हुआ। 
-कश्मीर में शौचालय, बिजली पहुंचाना इंसानियत। 
-विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव इसलिए साथ नहीं कराए गए क्योंकि सुरक्षा का मसला था। विधानसभा चुनाव में हजारों उम्मीदवार होते हैं, उन्हें गांव गांव पहुंचना होता है। बड़े नेताओं के दौरे होते हैं। आयोग जब चाहे चुनाव करा ले। 
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-हमारे पास सरकार का अभाव नहीं, 16 सरकारें चला रहे हैं।
-पीडीपी से गठबंधन जनता का फैसला था। 
-

बीजू जनता दल ने भी राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 और राज्य में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। 
 


रिपोर्ट्स के मुताबिक टीएमसी राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 और राज्य में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने को समर्थन देगी। 
 


समर्थन करने के सिवाए कोई चारा नहीं है : रामगोपाल यादव

सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि अब कल राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो जाएगी। राज्य में कल चुनाव हो नहीं सकते, ऐसे में सरकार ने ऐसी परिस्थिति पैदा करती है कि राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को समर्थन करने के सिवाए कोई चारा नहीं है।

कश्मीर मुद्दे को गलत तरीके से पेश किया गया : राकेश सिन्हा
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर के हालात के लिए कांग्रेस की गलत नीतिया जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को एक इकाई के तौर पर देख रही है और हम बांटने का काम नहीं करते हैं। आबादी कम होने के बावजूद कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा की सीटें ज्यादा रखी गई हैं। अपने हितों को साधने के लिए औने-पौने दाम पर जमीन बांटी गईं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर को 80 हजार करोड़ की परियोजना दी गई और कई विकास योजनाएं चल रही हैं। कश्मीर मसले को पूरी दुनिया में गलत तरीके से पेश किया गया। पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद के कारण पूरे कश्मीर को कटघरे में खड़ा किया गया।

सिन्हा ने कहा कि संविधान सभा में धारा 370 के लिए अंतरिम शब्द का इस्तेमाल किया गया और फिर इसे अस्थाई कर दिया गया। कांग्रेस पहले खुद इसे हटाना चाहता थी लेकिन अब इसका विरोध कर रही है। 44 दिन जेल में रहने के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई और उनकी मांग गलत नहीं थी। कश्मीर को बदलना है तो उसे राजनीतिक चश्मे से देखना बंद करना होगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बच्चे अनाथ हो गए हैं उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है।


गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि घाटी में राष्ट्रपति शासन की अवधि दो जुलाई को खत्म हो रही है। 20 जून 2018 को पीडीपी सरकार के पास समर्थन न होने की वजह और फिर किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया। जिसके कारण राज्य में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इसके बाद छह माह के लिए और राष्ट्रपति शासन लगाया गया। 21 नवंबर 2018 को विधानसभा भंग कर दी गई। राज्यपाल शासन के बाद केंद्र सरकार ने 256 का इस्तेमाल करके 20 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया। आज इस शासन को और छह माह बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया है।ये तीन प्रतिशत आरक्षण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं है। लाइन ऑफ कंट्रोल, एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बोर्डर तीनों क्षेत्रों के उस ओर पाकिस्तान है। वहां पाकिस्तान कई बार गोलाबारी करता है। जिससे वहां के बच्चों की शिक्षा भंग होती है।

 

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