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केदारनाथ, जल संकट, चुनाव और योग...PM मोदी ने मन की बात के पहले शो में उठाए ये मुद्दे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में रविवार को अपने पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में रविवार को अपने पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, 'उनका यह कार्यक्रम लगभग चार महीने बाद हो रहा है. लंबे अंतराल के बाद आपसे संवाद करने का मौका मिला है.' इस बार के 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम ने स्वच्छता, जल संरक्षण और योग आदि मुद्दों पर बात की. उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए जनता से तीन अनुरोध भी किए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में जल संकट की समस्या से निपटने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें भारत के लोगों पर हमेशा से विश्वास था कि वे उन्हें एक बार फिर वापस लाएंगे. आपातकाल, इसके परिणामों, लोगों के सुझाव जो हमेशा उनके समाधान के साथ उन्हें हैरान करते हैं, इन सब पर बोलने के साथ ही मोदी ने देश के विशाल हिस्सों में बड़े पैमाने पर सूखे से निपटने के लिए जल संरक्षण पर जोर दिया.

जल संरक्षण पर दिए ये तीन सुझाव--

1- जिस तरह से देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. ठीक वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करनी चाहिए.

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2- देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को लोग एक दूसरे से साझा करें.

3- यदि आप जल संरक्षण काम करने वाले किसी व्यक्ति या गैर सरकारी संगठन के बारे में जानते हैं, तो लोगों के उसके बारे में बताएं.

पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा...

- एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच 'मन की बात', जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं. चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था. हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे.

- 'मन की बात' देश और समाज के लिए आइने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.

- कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए हैं जिसमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’ को मिस कर रहे हैं. जब मैं पढता हूं, सुनता हूं मुझे अच्छा लगता है. मैं अपनापन महसूस करता हूं.

- कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में, मैं केदारनाथ क्यों चला गया, बहुत सारे सवाल पूछे हैं. आपका हक है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं.

mann-ki-baat-2_063019075109.jpg'मन की बात' को सुनते हुए लोग (फाइल फोटो- IANS)

- जब मैंने आखिर में कहा था कि हम तीन-चार महीने के बाद मिलेंगे, तो लोगों ने उसके भी राजनीतिक अर्थ निकाले थे और लोगों ने कहा कि अरे! मोदी जी का कितना विश्वास है, उनको भरोसा है.

- लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया. 61 करोड़- यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से मैं कहूं तो अगर एक चीन को छोड़ दे तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने वोटिंग किया था. 2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था.

- आपने कई बार मेरे मुंह से सुना होगा, ‘बूके नहीं बुक’, मेरा आग्रह था कि क्या हम स्वागत-सत्कार में फूलों के बजाय किताबें दे सकते हैं. मुझे हाल ही में किसी ने ‘प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियां’ नाम की पुस्तक दी. प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ कहानी का पात्र 4-5 साल का हामिद जब मेले से चिमटा लेकर अपनी दादी के पास पहुंचता है तो सच मायने में, मानवीय संवेदना अपने चरम पर पहुंच जाती है. 

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- जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है. इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे. मेरा पहला अनुरोध है– जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें. देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है. हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं.

- जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके.

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mann-ki-baat_063019073918.jpg'मन की बात' को सुनते हुए लोग (फाइल फोटो- IANS)

- मुझे और एक बात के लिए भी आपका और दुनिया के लोगों का आभार व्यक्त करना है. 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया. शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहां इंसान हो और योग के साथ जुड़ा हुआ न हो, इतना बड़ा, योग ने रूप ले लिया है.

- योग के क्षेत्र में योगदान के लिए Prime Minister’s Awards की घोषणा, अपने आप में मेरे लिए एक बड़े संतोष की बात थी. यह पुरस्कार दुनिया भर के कई संगठनों को दिया गया है. जापान योग निकेतन’ को, इटली की Ms. Antonietta Rozzi को, बिहार योग विद्यालय, मुंगेर व कई अन्य संस्थाओं को Prime Minister’s Awards से सम्मानित किया गया.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के अंतिम कार्यक्रम में कहा था कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रोग्राम को कुछ समय के लिए रोक रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘...मार्च महीने में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, वह भी इस बार बतौर प्रत्याशी चुनाव में जा रहे हैं. ऐसे में जब आचार संहिता लागू होगी तो वह मन की बात नहीं कर पाएंगे.'

गौरतलब है कि पीएम मोदी जापान के ओसाका में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद शनिवार को स्वदेश लौटे हैं. इस सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री मोदी की कई देशों के नई नेताओं के साथ मुलाकात हुई. पीएम ने ओसाका में ब्राजील, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ बैठकें कीं. इस सम्मेलन में उन्होंने व्यापार, पर्यावरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे को पुरजोर से उठाया.

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