Budget 2022: मंहगाई-बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों को राहत की उम्मीद

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एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार मानक कटौती की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर सकती है. इसमें आवास ऋण पर ब्याज और मूल धन के पुनर्भुगतान पर प्रत्येक में 50-50 हजार रुपए की आयकर लाभ बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. मौजूदा समय में इनका स्तर दो लाख और डेढ़ लाख रुपए है. अगले वित्त वर्ष में रेलवे के लिए बजट आवंटन में रिकार्ड बढ़ोत्तरी की जा सकती है.

कृषि ऋण की मौजूदा दर बढ़ाकर 18 लाख करोड़ संभवनई दिल्ली:

कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न बेरोजगारी और बढ़ती लागत कीमतों के कारण जोरदार मंहगाई का सामना कर रहे लोगों को एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में सरकार से राहत मिलने की उम्मीद है. एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार मानक कटौती की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर सकती है. इसमें आवास ऋण पर ब्याज और मूल धन के पुनर्भुगतान पर प्रत्येक में 50-50 हजार रुपए की आयकर लाभ बढ़ोत्तरी की उम्मीद है.

बजट के साथ विनिवेश योजना के स्पष्ट होने की संभावना है. सरकार अपनी विनिवेश योजना के जरिए इस अंतर को कम करने की कोशिश कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार अब तक पीएसयू में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 9,330 करोड़ रुपये जुटा पाई है. एलआईसी आईपीओ, जिसके मार्च के अंत में बाजार में आने की उम्मीद है,वह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाकर सरकार की बड़ी मदद कर सकता है. सरकार का कुल विनिवेश लक्ष्य मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये है.

इसके अलावा यूरिया उत्पादन की 80 प्रतिशत लागत के लिए जिम्मेदार प्राकृतिक गैस की कीमतों में हाल ही में हुई बढ़ोत्तरी से यूरिया उत्पादन लागत में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है. देश के विभिन्न राज्यों में इस समय किसान उर्वरकों की कमी का सामना कर रहे हैं और उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग को केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगानी पड़ी है.

केन्द्र सरकार ने महामारी प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मार्च 2020 में आपातकालीन क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना पेश की थी. बाद में इसका दायरा वित्तीय संकट का सामना कर रहे अन्य उद्योगों तक बढ़ाते हुए साख सीमा को 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था. यह योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है. इस क्षेत्र को अभी भी बहुत संकट का सामना करना पड़ रहा है और कई पात्र एमएसएमई पुनर्गठन के विभिन्न चरणों में हैं.

 

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