लोकसभा चुनावों के खत्म होते ही हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई थीं. आलम यह है कि हरियाणा में मिशन 75 और महाराष्ट्र मे अपने दम पर सरकार बनाने के लिए बीजेपी ताल ठोक रही थी. पीएम मोदी का नाम और काम था, राष्ट्रीयाता से जुड़े मुद्दे थे और साथ ही राज्य सरकारों का बेहतर काम काज था. ऐसे में हार तो क्या कम सीटों की उम्मीद भी बीजेपी से जुड़े किसी नेता को नहीं थी. लेकिन परिणाम इसके ठीक उलट आया.
हरियाणा में अब जोड़तोड़ से सरकार चलानी है और महाराष्ट्र में शिवसेना को भी संभालना पड़ेगा क्योंकि बीजेपी के कमजोर होने की आहट पाते ही उनके तेवर कड़े हो गए हैं. बहरहाल सरकार बनाने का फैसला हो ही गया है. चुनावों के पहले ही मौजूदा मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में ही आगे बढ़ने का ऐलान आलाकमान ने कर दिया था. लिहाजा, अब बहुत बड़े परिवर्तन की उम्मीद करना गलत होगा. दोनों मुख्यमंत्रियों ने ईमानदारी और काबिलियत से काम किया और आलाकमान की नजरों मे अच्छे भी बने रहे है.
पीएम मोदी और अमित शाह की एक कॉमन खासियत यह है कि वे चुनावों में अपने लक्ष्य को धीरे-धीरे ऊंचा उठाते हैं. एक बार बड़ा लक्ष्य सेट कर दिया तो कार्यकर्ता और जनता तक संदेश जाना शुरू हो जाता है. आपने हाई जंप का खेल तो देखा है ना. खिलाड़ी धीरे-धीरे रस्सी ऊंची करते जाते हैं जब तक कि पांव उससे टकरा ना जाएं. हरियाणा में विपक्ष बंटा था, कांग्रेस खुद ही अंदरूनी झगड़े से डूबने के कगार पर थी. चौटाला परिवार को कोई नंबर देने को तैयार नहीं था.
तभी तो पीएम मोदी ने बीजेपी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को कहा कि अब दोनो सरकारों को अगले पांच साल पहले बीते पांच साल की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी होगी. जनता ने संदेश दे दिया और पीएम मोदी ने पार्टी को. यानि अब तो आने वाले दिनों में लगता है कि बीजेपी नेताओं का वक्त जनता के बीच ही बीतने वाला है.
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amitabhnews18 AmitShah जो विर शिवाजी,गुरु गोबिंद सिंह जी,महाराणा प्रताप,मंगल पांडे,सुभाष चन्द्र बोस आदि महान देश व हिंदूवादीयो को छोड़कर,तथाकथित सेक्युलर, हिंदूविरोधी,देश के टुकड़े करने वाले व टुकड़े गैंग के संस्थापक मो.गांधी का अनुसरण करते हैं भविष्य में इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं होगी
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amitabhnews18 बीजेपी कार्यकर्ताओं में पदाधिकारी अधिकतर बड़े जाति के लोग है जो गांव गांव में जाने में उनकी मर्यादा दूषित व शर्म आती हैं। ज्यादा तर वोटर गांव में ही रहते है। मोदी व शाह अकेले दिल्ली से कुछ नहीं कर सकते। अगला झटका उत्तर प्रदेश से निश्चित है।
amitabhnews18 ये इंडिया है। यहां पढ़े लिखे बेवकूफों की भरमार है। पेशेंस नहीं होता। सबकुछ अपना ही मानते है अच्छाई के लिए बदलाव नहीं मानते।
amitabhnews18 1. बीजेपी पार्टी कैडर बेस कार्यकर्ताओं को टिकट वितरण में वरीयता दे। 2. दूसरी पार्टियों से नेताओं को पार्टी में शामिल करने में अधिक सतर्कता बरतें। 3. टिकटाॅक स्टार, नाचने गाने वाले और ड्रीमगर्ल जैसे लोगों को टिकट न दें। 4. पैराशूट कैंडिडेट की बजाय 5 साल मेहनत करने वाले को टिकट दे
amitabhnews18 The price of anything is the amount of VALUE you exchange for it in Love and War
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