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Farmers of Haryana announce to Strike, Train Service Can Be Affected
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किसान आंदोलनः दिनभर तनाव में रहा प्रशासन, सुरक्षा में नौ डीएसपी समेत 12 कंपनियां रहीं तैनात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जींद/जुलाना (हरियाणा)
Published by: ajay kumar
Updated Fri, 28 Jun 2019 01:01 AM IST
पुलिस बल तैनात
- फोटो : अमर उजाला
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कुरुक्षेत्र से नारनौल तक निकलने वाले नेशनल हाइवे 152-डी के लिए अधिग्रहित जमीन का मार्केट रेट दिलाने की मांग को किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते जुलाना में दिनभर तनाव रहा। हालांकि सुबह ही किसानों ने साफ कर दिया था कि प्रशासन द्वारा राशि बढ़ाने का पत्र दिए जाने के बाद रेल नहीं रोकी जाएगी। साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि रेल रोको आंदोलन को वापस नहीं लिया है।
इसके चलते दिनभर प्रशासन की सांसें फूली रही। वहीं गांव किलाजफरगढ़ में दिनभर पुलिस व किसान आमने सामने डटे रहे। आंदोलन के चलते पुलिस ने वाहनों का रूट भी डायवर्ट कर दिया। इसके साथ ही किसी भी स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए नौ मजिस्ट्रेट, नौ डीएसपी 12 थाना प्रभारियों के साथ सुरक्षा बलों की 12 कंपनियां तैनात रहीं। किसानों ने साफ किया है कि यदि अधिग्रहित जमीन की राशि 50 लाख रुपये प्रति एकड़ से कम दी जाएगी तो आंदोलन जरूर किया जाएगा।
गौरतलब है कि जमीन का मार्केट रेट दिलवाने की मांग को लेकर किसानों का धरना 10 अप्रैल गांव किलाजफरगढ़ में जारी है। हालांकि इससे पहले भी 11 जून को किसानों ने रेल रोकने की चेतावनी दी थी लेकिन तब सरकार बातचीत होने के बाद आंदोलन टाल दिया था। अब किसानों ने गुरुवार को रेल रोकने की चेतावनी दी थी। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट रहा।
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आंदोलन की रणनीति बनाते हुए किसान
- फोटो : अमर उजाला
किसानों का धरना शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहा। किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों के हित के लिए काम नही कर रहा है। एक ओर तो वो किसानों को मनाने की बात कर रहे हैं वही दूसरी ओर किसानों को बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। दलाल ने कहा कि अभी तक किसानों की जमीन का मार्केट रेट ही तय नहीं हो पाया है तो मुआवजे को रिवाइज कैसे किया जा सकता है।
आंदोलन नहीं किया है स्थगित
रमेश दलाल ने कहा कि किसानों का धरना अभी स्थगित नहीं हुआ है बल्कि यह स्टैंडबाय मोड़ में चला गया है। अगर प्रशासन मामले को लटकाने का प्रयास करेगा तो किसान भी उसी भाषा में बात करेंगे। किसान किसी भी कीमत पर अपना हक लिए बिना पीछे हटने वाले नही हैं।
छावनी में तब्दील हुआ जुलाना
किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने जुलाना और किलाजफरगढ़ को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया। पुलिस की 12 कंपनियां जुलाना में तैनात रही। धरनास्थल पर भारी पुलिस बल सहित दो वाटर कैनन गाड़ियां, एक वज्रा वैन मौजूद रही।
जुलाना में अलग-अलग स्थानों पर नौ ड्यूटी मजिस्ट्रेट और नौ डीएसपी और जींद जिले के 12 थाना प्रभारी मौजूद रहे। जींद के उप तहसीलदार कर्ण सिंह, अलेवा के उप तहसीलदार कृष्ण कुमार, सफीदों के उप तहसीलदार रामपाल को धरना स्थल पर तैनात रहे।
डीएसपी कप्तान सिंह, धर्मबीर सिंह और जगत सिंह को भी धरने पर तैनात किया था। जुलाना के नायब तहसीलदार आनंद रावल को किलाजफरगढ़ रेलवे स्टेशन, अलेवा के तहसीलदार राजीव भाटिया को जुलाना थाना, जींद के तहसीलदार मनोज को मुख्यालय कानून व्यवस्था, उचाना के उप तहसीलदार नरेश कुमार को रिजर्व, बीडीपीओ धर्मबीर खर्ब को रात्रि ड्यूटी के लिए थाना जुलाना, नरवाना के बीडीपीओ राजेश टिवाणा को जुलाना में ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
वाहनों के बदले रूट
जुलाना के पुराने बस स्टैंड पर ट्रैफिक पुलिस ने नाका लगाकर वाहनों को जींद रोहतक मार्ग से बदलकर दूसरे रूट से भेजना शुरू कर दिया। इसको लेकर वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वाहनों को जुलाना के पुराने बस स्टैंड से जींद रोहतक मार्ग से बदलकर लिजवानां कलां, अकालगढ़, हथवाला से वाया नांदल भेजा गया।
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इससे धरना स्थल के आस पास की सड़क वाहनों के बिना खाली नजर आई। लाखन माजरा पुलिस ने भी जींद रोहतक मार्ग पर बैरिकेटिंग की और आने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते से जींद के लिए भेजा। कई वाहन चालक तो बीच में ही गांव की गलियों में चक्कर काटते रहे और कुछ वाहन लाखनमाजरा से महम होते हुए जुलाना पहुंचे।
धरना स्थल पर पहुंची महिलाएं
गांव किलाजफरगढ़ में चल रहे धरने पर आठ गांवों की महिलाएं भी पहुंची और किसानों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। महिलाएं ट्रैक्टरों से गीत गाती हुए धरना स्थल पर पहुंची। महिलाओं की संख्या पुरुष किसानों के से भी ज्यादा रही। महिलाओं का कहना है कि अगर प्रशासन किसानों के साथ कुछ भी गलत करता है तो वो खुद धरने की कमांड संभालेंगी और अपना हक लेकर रहेंगी।
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