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राहुल ने संसदीय दल की बैठक में कहा- अब अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस नहीं लूंगा: सूत्र

5 वर्ष पहले
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  • राहुल ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेवारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया था
  • राहुल का कहना है कि पार्टी का अध्यक्ष कोई गांधी परिवार से अलग हो
  • कांग्रेस के नेता राहुल को ही पार्टी अध्यक्ष बनाए रखना चाहते हैं

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी ने बुधवार को अपने 51 सांसदों की मांग भी ठुकरा दी। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, इसमें सांसदों ने उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया था। लेकिन राहुल ने कहा कि वह अब पार्टी अध्यक्ष नहीं रहेंगे।

 

राहुल गांधी ने 25 मई को लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। तब कांग्रेस कार्यसमिति ने उनसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा था। दूसरी ओर, बुधवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राहुल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि राहुल कांग्रेस अध्यक्ष पद न छोड़ें।

 

मणिशंकर ने कहा था- गैर गांधी भी पार्टी अध्यक्ष हो सकता है

पिछले हफ्ते राहुल ने नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में अपनी भूमिका से साफ इनकार किया था। वहीं, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने रविवार को कहा था कि गैर-गांधी भी कांग्रेस का अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन गांधी परिवार को पार्टी में सक्रिय रहना होगा। अगर राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहते हैं तो अच्छा रहेगा, लेकिन उनकी इच्छाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए। वे संकट के वक्त पार्टी को संभालने में मदद कर सकते हैं।

 

आज से तीन चुनावी राज्यों के नेताओं के साथ बैठक शुरू करेंगे
सूत्रों के मुताबिक, राहुल बुधवार से तीन चुनावी राज्याें के नेताओं की बैठक लेंगे। उन्होंने 26 जून को महाराष्ट्र, 27 को हरियाणा और 28 को दिल्ली इकाई के बड़े नेताओं को अपने आवास पर बुलाया है। राहुल गांधी गुटबाजी में फंसे तीनों प्रदेशों के नेताओं के साथ वह विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। फिर तय होगा कि इन प्रदेशों में नेतृत्व परिवर्तन होगा या नहीं। संबंधित राज्यों के प्रभारी महासचिव भी बैठकाें में माैजूद रहेंगे। प्रभारी महासचिव पहले भी चुनाव बाद समीक्षा के लिए कोर कमेटी की बैठक ले चुके हैं, लेकिन बैठकें आरोप-प्रत्यारोप से आगे नहीं बढ़ पाईं। ऐसे में राहुल ने ही बैठक बुलाने का फैसला लिया।

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