अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कोशिशें तेज कर दी हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर इस मसले को लेकर दबाव बनाने के लिए विहिप ने अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई से भी गुहार लगाई है। सरकार और सीजेआई के नाम पत्र में विहिप ने कहा है कि देश में भगवान श्रीराम विरोधी ताकतों से सख्ती के साथ निपटा जाए, जबकि अयोध्या विवाद जल्द से जल्द हल किया जाए।

दक्षिणपंथी संगठन ने ये मांगें उत्तराखंड के हरिद्वार में 19 और 20 जून 2019 को हुए दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के दौरान उठाई हैं। कार्यक्रम में विहिप ने राम मंदिर निर्माण पर दबाव बनाने के लिए एक संकल्प-पत्र (प्रस्ताव) भी जारी किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।

दरअसल, यह मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में विहिप ने सीजेआई से इससे जुड़ी कार्यवाही को तेज कराने को लेकर अपील की है। विहिप के संकल्प पत्र में कहा गया है, “देश का साधु-संत इस संकल्प पत्र के जरिए चाहते हैं कि सीजेआई इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुनाएं।”

विहिप ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि यह मामला न्यायपालिका की प्राथमिकता पर नहीं है, इसलिए इसमें देरी हो रही है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एक संत ने कहा, “हिंदू समुदाय इस मंदिर के लिए 1528 और 1984 से मांग उठा रहा है। माननीय साधु-संतों के मार्गदर्शन में विहिप लगातार इस मुद्दे को लेकर संर्घष कर रही है। ऐसे में इस पवित्र राष्ट्र कार्य में किसी भी प्रकार की देरी ठीक नहीं होगी।”

ये हैं विहिप के प्रस्ताव की अहम बातें:

– संत समाज की सरकार से अपील है कि राम मंदिर निर्माण में आने वाली हर बाधा दूर की जाए।

– करोड़ों राम भक्तों की आशाओं के अनुरूप श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बने

– राम मंदिर का निर्माण कार्य ‘श्री राम जन्म भूमि न्यास’ ही करे।

– न्यायपालिका अपनी जिम्मेदारी से मुंह न मोड़े। वह इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करे, जिससे मामला निपटे।