प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर सर्वदलीय बैठक बुलाई. हालांकि इस बैठक में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने किनारा किया. वहीं कांग्रेस का कहना है सरकार इस मुद्दे के जरिए ध्यान भटकाने का काम कर रही है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि विपक्ष की बात को सरकार नजरअंदाज करती है. ये मुद्दा ध्यान भटकाने के लिए है.
उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा करवा सकती है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने चुनाव कई चरणों में करवाया. हिमाचल-गुजरात के चुनाव अलग-अलग करवाए गए. राज्यसभा के चुनाव अलग-अलग करवा रहे हैं. सरकार जवाब दे कि ऐसा क्यों है. वहीं उन्होंने कहा कि जो पार्टियां बैठक में गई हैं वो उनका अपना निर्णय है.
वन नेशन-वन इलेक्शन पर चल रही पीएम मोदी की बैठक में 14 पार्टियां नहीं पहुंची हैं. एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना भी इस बैठक में नहीं पहुंची है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है, जबकि सीपीएम, समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया है. मीटिंग में नहीं पहुंचने वाली पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, एआईएडीएमके, डीएमके, एसपी, बीएसपी, शिवसेना, आरजेडी, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एआईयूडीएफ और आईयूएमएल शामिल हैं.
एक ओर जहां कांग्रेस जैसी मुख्य विपक्षी पार्टियां वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोल रही हैं तो वहीं YSR ने इसका समर्थन किया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और YSR कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है. पार्टी का कहना है कि इससे चुनाव खर्च बचेगा और समय भी कम होगा.