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पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार, रिहा करने का आदेश

पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की पत्नी ने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगा दी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 01:51 PM (IST)
पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार, रिहा करने का आदेश
पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार, रिहा करने का आदेश

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक महिला को लेकर टिप्पणी करने के मामले में पत्रकार को गिरफ्तार करने की जल्दबाजी में प्रदेश सरकार को शीर्ष कोर्ट ने फटकार लगाई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कन्नौजिया को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है।

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पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की पत्नी ने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की निजी आजादी का हनन हो रहा है तो हम हस्तक्षेप करेंगे। स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है और उसे तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पत्रकार के ट्वीट की सराहना नहीं करते, लेकिन उसे सलाखों के पीछे कैसे रखा जा सकता है। नागरिक की स्वतंत्रता और गैर-पराक्रम्य है। यह संविधान की ओर से दिया गया अधिकार है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। 

प्रशांत की पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी की राय अलग-अलग हो सकती है, उन्हें (प्रशांत) को शायद उस ट्वीट को लिखना नहीं चाहिए था, लेकिन उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को एक ट्वीट के लिए 11 दिन तक जेल में नहीं रखे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि यह कोई हत्या का मामला नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट का ऑर्डर सही नहीं है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि अगर किसी के निजी आजादी का हनन हो रहा है तो हम हस्तक्षेप करेंगे। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन प्रशांत कन्नौजिया को सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता है। अदालत में यूपी सरकार का पक्ष रख रहे एएसजी विक्रमजीत बनर्जी ने अदालत को कन्नौजिया की ओर से किए गए ट्वीट्स की कॉपी सौंपी। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कन्नौजिया की गिरफ्तारी सिर्फ एक ट्वीट पर नहीं है, वह आदतन अपराधी है। उसने भगवान और धर्म के खिलाफ ट्वीट किया है। यूपी सरकार ने कहा कि मजिस्ट्रेट की ओर से दिए गए रिमांड ऑर्डर को निचली अदालत में चुनौती दी जा सकती है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया को शनिवार सुबह दिल्ली में उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंडावली में उनके घर से हिरासत में लिया।प्रशांत कन्नौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने इस बात की पुष्टि की, कि प्रशांत को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया हमारे घर से पुलिस ने प्रशांत को गिरफ्तार किया।

पुलिसवालों ने मुझे न प्राथमिकी की कॉपी दी, न ही कोई वारंट या आधिकारिक दस्तावेज़। हमारे घर का पता पुलिस ने हमारे एक दोस्त से लिया था।जगीशा ने बताया  कि दो बिना वर्दी के पुलिसवाले हमारे घर आए और प्रशांत को अपने साथ लेकर गए। पुलिस ने बताया है कि प्रशांत के खिलाफ शुक्रवार को एक एफआईआर दर्ज हुई है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण हुई है।

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