प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल में 2021 के दौरान होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त करने के ममता बनर्जी के फैसले पर बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बड़े रणनीतिकार नहीं हैं। विजयवर्गीय ने दावा किया कि बंगाल के लोगों को अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विश्वास नहीं है। ऐसे में कोई भी चुनावी रणनीतिकार उनके पक्ष में लोगों को नहीं मोड़ पाएगा।

बीजेपी के महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘जहां तक चुनावी रणनीति का सवाल है तो अमित शाह प्रशांत किशोर से कहीं बड़े रणनीतिकार हैं। अमित शाह जिस कॉलेज के प्रिंसिपल हैं, वहां प्रशांत किशोर अब भी स्टूडेंट हैं।’’

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बता दें कि प्रशांत किशोर ने गुरुवार (6 जून) को ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई कि बंगाल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को घटाने और 2021 विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए टीएमसी उनकी सेवाएं ले सकती है। ऐसे में विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल की जनता का विश्वास खो चुकी हैं। लोगों ने ममता बनर्जी और टीएमसी को सत्ता से हटाने का मन बना लिया है। ऐसे में कोई भी रणनीतिकार ममता को जीत नहीं दिला पाएगा। टीएमसी चाहे जितने भी रणनीतिकार लगा ले, लेकिन लोगों की सोच बदल पाना उनके लिए मुश्किल होगा। इसे लेकर हम बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं।

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फिलहाल टीएमसी और प्रशांत किशोर ने इस अपॉइंटमेंट को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी की पार्टी बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जुलाई से अपने अभियान की शुरुआत कर देगी। बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम उन सीटों का एनालिसिस करेगी, जहां टीएमसी की पकड़ मजबूत थी, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

टीएमसी के एक नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, ‘‘बीजेपी की जीती हुई 18 सीटों का एनालिसिस करने के बाद प्रशांत किशोर विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के लिए रणनीति तैयार करेंगे। इसके तहत राज्य सरकार के विभिन्न विकास कार्यों के बारे में आम जनता को जानकारी दी जाएगी।’’

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। भगवा पार्टी ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर सीट दर्ज की, जबकि टीएमसी के खाते में महज 22 सीटें गईं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी नेताओं का दावा है कि उनका अगला लक्ष्य 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को बंगाल की सत्ता से हटाना है।