लोकसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने एनडीए के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा था। भाजपा और जदयू दोनों पार्टियां 17-17 सीटों और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें भाजपा और लोजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, जदयू ने 16 पर कब्जा जमाया। हालांकि, अब जदयू ने यह तय किया है कि एनडीए के साथ उसकी दोस्ती बिहार तक ही सीमित रहेगी। बिहार से बाहर जदयू अलग रास्ते पर चलेगी।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, बिहार के बाहर जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में आने वाले दिनों में चुनाव हैं। जदयू इन राज्यों में अकेले चुनाव लड़ेगी। यह फैसला रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। हालांकि, बैठक से पहले यह माना जा रहा था कि झारखंड में जदयू ‘एकला चलो’ का रास्ता अपना सकती है लेकिन नीतीश कुमार ने अन्य तीन राज्यों में भी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराने पर भी चर्चा हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर माह तक पार्टी के सभी संगठनात्मक चुनाव को निपटा दिया जाएगा। बैठक में नीतीश कुमार ने पार्टी का विस्तार दूसरे राज्यों में करने पर भी जोर दिया।

यहां यह भी बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए। अरुणाचल प्रदेश की कुल 60 सीटों के लिए हुए चुनाव में जदयू अकेले मैदान में उतरी और 7 सीटों पर कब्जा किया। वहीं, भाजपा को 41 सीटें मिली। माना जा रहा है कि जदयू राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा लेने के लिए बिहार के अलावा देश के अन्य हिस्सों में पार्टी का विस्तार कर रही है। दिल्ली में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में भी जदयू अकेले मैदान में उतरी थी। हालांकि, किसी सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी थी।