नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर के मुद्दे पर किए गए सवाल पर साफ कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसका जवाब देंगे.
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पटनाः जेडीयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का ममता बनर्जी के साथ काम करने का मामला तुल पकड़ते जा रहा है. इस पर बिहार में सियासत तेज हो गई है. वहीं, इस मामले में जेडीयू नेताओं का भी अलग-अलग बयान आ गया है. वहीं, अब तक नीतीश कुमार ने भी इस बारे में अपना बयान दिया है.
नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर के मुद्दे पर किए गए सवाल पर साफ कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसका जवाब देंगे. सीएम नीतीश कुमार शनिवार को सदस्यता अभियान शुरू करने को लेकर कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां उनसे प्रशांत किशोर के मामले में सवाल किया गया.
उनसे पूछ गया कि प्रशांत किशोर बंगाल के सीएम ममता बनर्जी के साथ विधानसभा चुनाव में काम करेंगे. तो उन्होंने जवाब दिया कि वह कल जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होनेवाली बैठक में इसके बारे में बताएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने पिछले साल पार्टी में शामिल हुए थे. हालांकि, वह चुनावी रणनीति संगठन से भी जुड़े थे. और इसके तहत भी वह अपना काम कर रहे थे. लेकिन हमारे पार्टी का इस बात से कोई लेना देना नहीं है.
Nitish Kumar on Prashant Kishor to work with Mamata Banerjee:He'll tell about it himself tomorrow at National Executive meeting.He joined our party last yr; he is associated with election strategy organization too&whomsoever he works for under it has nothing to do with our party pic.twitter.com/RDjx529JtU
— ANI (@ANI) June 8, 2019
इससे पहले पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा था कि प्रशांत किशोर की निजी कंपनी IPAC विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए भिन्न विचारधाराओं के होने के बावजूद काम करती है. लेकिन इससे पार्टी को कोई दिक्कत नहीं है. वहीं, अब नीतीश कुमार ने भी कह दिया है कि उनकी पार्टी का प्रशांत किशोर के निजी कंपनी के कामों से कोई लेना-देना नहीं है.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की कंपनी IPAC राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करती है. जो विश्लेषण कर चुनाव में सफलता दिलाने के लिए मदद करती है. हाल ही में आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जगमोहन रेड्डी के साथ उन्होंने चुनाव में काम किया और उन्हें सफलता दिलाने में मदद की.
अब प्रशांत किशोर बंगाल में ममता बनर्जी के साथ भी इसी तर्ज पर काम कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो उन्होंने इसके लिए ममता बनर्जी से मुलाकात भी की है. लेकिन इस खबर के आने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई. ऐसा इसिलए क्योंकि प्रशांत किशोर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी एनडीए की सहयोगी पार्टी है. जबकि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी एनडीए की धुर विरोधी है. ऐसे में प्रशांत किशोर के एक राजनीतिक पार्टी के उपाध्यक्ष होते हुए अपने गठबंधन के विरोधी दल की मदद की बात किसी के गले नहीं उतर रही है.