अलीगढ़ में ढाई साल की बच्ची की निर्मम हत्या करने वाले आरोपियों का केस लड़ने से शहर के वकीलों ने मना कर दिया है। अलीगढ़ बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वह इस मामले में परिवार के साथ खड़े हैं और वकील आरोपियों का केस नहीं लडेंगे।

अलीगढ़ बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनूप कौशिक ने कहा है कि ‘टप्पल में ढाई साल की बच्ची की हत्या के बाद हम परिवार के साथ खड़े हैं। शहर का कोई भी वकील आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। इसके साथ ही बाहर से भी किसी वकील को केस लड़ने के लिए अनुमित नहीं दी जाएगी।’

वहीं मामले में शनिवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने अबतक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची का शव टप्पल में ही 2 जून को क्षत-विक्षत हालात में मिला था। एक सफाईकर्मी ने जाहिद के घर के बगल में स्थित कूड़े के ढेर पर लड़की का शव पड़ा हुआ देखा। शव के चारों ओर कुत्ते थे।

शव को एक चुन्नी से लपेटा गया था। लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि बच्ची का शव मौत के 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया वहीं जांच में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के आरोप में एसएचओ समेत 5 पुलिसवालों को निलंबित किया जा चुका है।

10 हजार रुपए के लिए हुआ मर्डर
पुलिस के मुताबिक, आरोपी जाहिद ने 10 हजार रुपए के लिए यह जुर्म किया। यह रकम बच्ची के पिता ने उधार ली थी, जिसे वह लौटा नहीं पा रहे थे। जाहिद ने 30 मई को बच्ची का अपहरण किया और हत्या कर साथी असलम की मदद से शव को ठिकाने लगाया।