बंगाल से लेकर गुजरात तक मनता बनर्जी के जय श्रीराम का मुद्दा गरमा रहा है. अहमदाबाद में आज साधु संतों ने इकट्ठा होकर रामधुन के साथ-साथ ममता बनर्जी को श्रीराम का पोस्ट कार्ड लिखा. गुजरात से करीबन 10,000 से ज्यादा साधु-संतों ने शुक्रवार को ममता बनर्जी को पोस्ट कार्ड लिखे.
दरअसल पश्चिम बंगाल की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से राम के नाम को लेकर काफी गहमागहमी चल रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) राम के नाम को लेकर राजनीति कर रही है.
दरअसल मामला 30 मई से शुरू हुआ था, जब ममता बनर्जी बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले से गुजर रही थीं, तब कुछ सड़क पर खड़े हुए लोगों ने काफिले के गुजरते समय "जय श्रीराम" के नारे लगाए. इस घटना के बाद ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की और गाड़ी में से उतर कर नारे लगाने वालों की चमड़ी तक उधेड़ देने की धमकी दे दी.
ममता बनर्जी सरकार की इस हरकत से बीजेपी ने नाराजगी जाहिर की. वहीं दूसरी तरफ देश के हिन्दू संगठन भी इस बात को लेकर काफी नाराज दिखे. धार्मिक संगठनों का दावा है कि ममता बनर्जी की कार्रवाई से साधु-संतो की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.
ममता के बयान के विरोध में देश के विभिन्न राज्यों से ममता बनर्जी को 'जय श्रीराम' लिखे हुए पोस्ट कार्ड मिलने शुरू हो गए हैं. इस अभियान के तहत अहमदाबाद में भी साधु संतों का कहना है कि ममता बनर्जी ने राम का नाम लेने वालों को धमकी देकर द्रोह किया है. यह अपराध है और देश भर से साधु-संत समाज 10 लाख पोस्टकार्ड ममता बनर्जी को भेजेंगे. इसी अभियान के तहत शुक्रवार को साधु-संतो ने पोस्टकार्ड पर 'जय श्रीराम' लिखा है. ये सारे कार्ड पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी को भेजे जाएंगे.