बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को चुनाव में मारे गए टीएमसी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलीं. ममता निर्मल कुंडू के घर गईं जिन्हें 24 परगना जिले के निमता में मंगलवार को गोली मार दी गई थी. टीएमसी ने इस हत्या का आरोप बीजेपी नेताओं पर लगाया है. इस केस से जुड़े दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने धोखे से 18 सीटें जीत लीं.
ममता बनर्जी ने कहा, 'हम इंसाफ चाहते हैं. दोषियों को बख्शा नहीं जा सकता. मेरे डीजी यहां हैं. जो लोग साजिशकर्ता हैं उनकी छानबीन होनी चाहिए. उन्होंने (बीजेपी) धोखा कर 18 सीटें जीत लीं लेकिन वे लोगों को नहीं मार सकते और न ही हिंसा फैला सकते हैं.' ममता बनर्जी ने कहा, '1984 में इंदिरा गांधी की जब मौत हुई, तब हिंसा भड़क गई थी लेकिन बीजेपी हिंसा फैला रही है. बीजेपी जहां जहां जीती है वहां हिंसा बढ़ी है.'
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'बंगाल शांति का स्थल है न कि हिंसा का. राष्ट्रगान यही से शुरू हुआ. इसी जगह से वंदे मातरम की शुरुआत हुई. उन्होंने (बीजेपी) विद्यासागर की मूर्ति तोड़ डाली. राजा राममोहन रॉय पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बंगाल की छवि खराब की जा रही है. मेघालय के राज्यपाल सौगत के भाई ने बंगाली महिलाओं का अपमान किया है. मैं इसकी आलोचना करती हूं.'
ममता बनर्जी ने बीजेपी से कहा कि उसके नेता खुद पर नियंत्रण रखें और अच्छा बर्ताव करें. ऐसा कतई न समझें कि यह चुनाव साधारण था. मैंने आगे कोई विजय जुलूस न निकालने के लिए पुलिस से कहा है क्योंकि ये बीजेपी का हथकंडा है. मैं प्रदेश के सभी लोगों से अपील करती हूं कि शांति व्यवस्था कायम रखें. मैंने हत्या के मामले सीआईडी को हैंडओवर कर दिया है.
इससे पहले ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बाहुबल, धनबल और सत्ताबल का दुरुपयोग कर लोकसभा चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए लोकतंत्र को बचाने के लिए ईवीएम से पहले की व्यवस्था लागू कर मतपत्र (बैलेट) से चुनाव कराए जाने का आह्वान किया. राज्य सचिवालय में पार्टी के पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों के साथ बैठक करने के बाद उन्होंने कहा, "समूचे चुनाव के दौरान हम बाहुबल, धनबल, सत्ताबल और सांस्थानिक बल के दुरुपयोग के खिलाफ लड़े. हमारे कार्यकर्ता निडर होकर लड़े. हम चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह धन लूटा गया और धनबल ने किस तरह लोकतंत्र को बर्बाद किया, यह सच्चाई है."
ममता ने कहा, "वे (बीजेपी) धनबल, बाहुबल, सत्ताबल, सांप्रदायिकता बल और मीडिया बल से 18 सीटें पा गए (बंगाल में). उनका लक्ष्य 23 सीटें पाना था. शायद ईवीएम उनके हित में प्री-प्रोग्राम्ड थीं." उन्होंने कहा, "नतीजे स्वाभाविक नहीं थे और बीजेपी की जीत जनसमर्थन पर आधारित नहीं थी. ऐसा मशीन के जरिये किया गया, यही वजह है कि वे पार्टी कार्यालयों पर कब्जा करने की काशिशें करते रहे." उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस की 21 जुलाई को होने वाली वार्षिक शहादत दिवस रैली से पहले समूचे राज्य में जनसंपर्क करेगी, जुलूस निकालेगी.