Please enable javascript.Mamata To Take Services Of Pk,BJP से निपटने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की शरण में ममता बनर्जी - political strategist prashant kishor to work for mamata banerjee in west bengal for 2021 satae assembly elections - Navbharat Times

BJP से निपटने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की शरण में ममता बनर्जी

नवभारतटाइम्स.कॉम | 6 Jun 2019, 8:55 pm
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लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दमदार प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी अपने गढ़ को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने में जुटी हैं। इसी के तहत वह विधानसभा चुनाव के लिए चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने जा रही हैं।

हाइलाइट्स

  • पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेंगी ममता
  • प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कोलकाता में टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से की मुलाकात
  • सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में एक महीने बाद टीएमसी के लिए काम शुरू कर देगी पीके की टीम
  • लोकसभा चुनाव में सूबे की 42 में से 22 सीटें जीती थी टीएमसी, 18 सीटों पर BJP ने किया कब्जा
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कोलकाता
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दमदार प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी अपने गढ़ को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने में जुटी हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह विधानसभा चुनाव के लिए चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने जा रही हैं। पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रशांत किशोर की टीम अगले महीने से टीएमसी के लिए काम करना शुरू कर देगी।
सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली। मुलाकात के दौरान ममता ने प्रशांत किशोर से टीएमसी के लिए काम करने का प्रस्ताव दिया, जिस पर उन्होंने अपनी सहमति जता दी है। एक महीने बाद प्रशांत की टीम टीएमसी के लिए काम करना शुरू कर देगी।

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ममता के लिए बड़े खतरे के तौर पर उभरी बीजेपी
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2011 में पश्चिम बंगाल की सियासत में तब धमाका कर दिया, जब उन्होंने लगातार 34 साल से सूबे की सत्ता पर काबिज लेफ्ट को करारी शिकस्त दी। लेफ्ट की यह स्थिति हो गई कि इस बार लोकसभा चुनाव में बंगाल में उसका खाता तक नहीं खुला। हालांकि, सूबे में बीजेपी के तेजी से उभार ने ममता की चिंताएं बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में सूबे की 42 सीटों में से बीजेपी ने 18 और टीएमसी ने 22 सीटों पर कब्जा किया। बीजेपी को वोट शेयर 40.3 प्रतिशत रहा, जबकि टीएमसी का वोट प्रतिशत 43.3 प्रतिशत रहा। 2014 में बीजेपी सिर्फ 2 सीट ही जीत पाई थी, जबकि टीएमसी ने 34 सीटों पर कब्जा किया। 5 साल पहले तब बीजेपी का वोट शेयर महज 17 प्रतिशत था लेकिन अब उसका वोट शेयर टीएमसी से सिर्फ 3 प्रतिशत कम है।

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कौन हैं प्रशांत किशोर
पीके के नाम से चर्चित प्रशांत किशोर जाने-माने चुनावी रणनीतिकार हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने बीजेपी के लिए काम किया था। चुनाव में 3 दशकों बाद बीजेपी के रूप में किसी पार्टी को अकेले अपने दम पर बहुमत मिला था। उसके बाद से प्रशांत किशोर तेजी से लोकप्रिय हुए और बीजेपी की जीत के लिए पर्दे के पीछे उनके काम को श्रेय दिया जाने लगा। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन के लिए काम किया था। चुनाव में महागठबंधन की जीत हुई और नीतीश सीएम बने। बाद में किशोर ने जेडीयू के जरिए खुद राजनीति में कदम रखा, लेकिन चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम जारी रखा। वह जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इस साल लोकसभा चुनाव के साथ हुए आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किशोर ने जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम किया, जिसे जबरदस्त कामयाबी मिली।
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