लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद बीजेपी जमीनी स्तर पर पार्टी को और मजबूत करने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार कर रही है। बीजेपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 1000 दलितों से संपर्क करने का लक्ष्य दिया है। इसके साथ ही बीजेपी बुद्धिजीवियों का एक पैनल भी तैयार करेगी।

न्यूज चैनल आज तक के मुताबिक उत्तर भारत खासकर यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में बीजेपी दलितों को जोड़ने की तैयारी में है इसके लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं को दलितों से संवाद बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

बीजेपी का मानना है कि इस रणनीति के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दलितों के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं उसका लाभ इस समुदाय के लोगों तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में मोदी सरकार की योजनाओं को दलितों तक पहुंचाया जाएगा।

अगर ऐसा होता है तो दलित बीजेपी के कोर वोटर्स हो जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से वोटर्स का झुकाव सत्ताधारी पार्टी की तरफ हो जाता है। पार्टी ने नए दलित चेहरों को शामिल करने का भी प्लान बनाया है।

साफ है कि बीजेपी ‘सबका साथ सबका विकास’ के अपने नारे के तहत अन्य जातियों के साथ-साथ दलितों को भी अपने कोर वोटर्स के रूप में तब्दील करना चाह रही है। गौरतलब है 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने जाति की दीवारों को तोड़ते हुए 50 फीसदी वोट हासिल किए हैं। बीजेपी का मानना है कि दलित वोट बैंक में इस चुनाव में जो सेंधमारी हुई है ऐसा आने वाले चुनाव में न हो।