अब ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाएंगे प्रशांत किशोर, साथ काम करने को हुये तैयार
जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए काम करने को तैयार हो गए हैं। यानी साफ है कि अब प्रशांत किशोर ममता बनर्जी की डूबती नैया पार लगाएंगे।
कोलकाता, एएनआई। अब जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए काम करने को तैयार हो गए हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद अब भाजपा का सबसे पहला मिशन बंगाल फतेह करना है। इसके लिए तैयारियां भी चल रही है। आधा काम लोकसभा चुनाव में हो गया बाकी बचे काम के लिए विधानसभा चुनाव तक का इंतजार सबको रहेगा। वैसे देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ममता बनर्जी की सिरदर्द की सबसे बड़ी वजह है।
लेकिन जल्द ही ममता बनर्जी की परेशानी भी खत्म होने वाली है। वो इसलिए की अब जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए काम करने को तैयार हो गए हैं। यानी साफ है कि अब प्रशांत किशोर ममता बनर्जी की डूबती नैया पार लगाएंगे।
आसान की जगन रेड्डी की राह
प्रशांत किशोर की टीम ने जगन रेड्डी के लिए डेढ़ साल पहले काम शुरू किया। इसके तहत 20,000 युवकों को जोड़ा गया। उन्होंने 175 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रचार का करीब 70 फीसद काम संभाला। राज्य के 46 हजार बूथों पर 11-11 सदस्यीय बूथ कमेटियों का गठन किया गया। पार्टी के लिए करीब पांच लाख बूथ कार्यकर्ताओं ने जमकर काम किया। प्रशांत किशोर की रणनीति के तहत जगन रेड्डी ने पदयात्रा भी की। इससे यह धारणा टूटी कि जगन मोहन रेड्डी तक पहुंचना आसान नहीं।
पीएम मोदी व सीएम नीतीश के लिए बना चुके रणनीति
प्रशांत किशोर ने इसके पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए सफल चुनावी रणनीति तैयार की थी। आगे 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभाई। इस चुनाव में भी उनकी रणनीति सफल रही। हालांकि, आगे 2017 में कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में उनकी रणनीति सफल नहीं रही। लेकिन आंध्र प्रदेश में वे एक बार फिर सफल रहे हैं।
कौन हैं प्रशांत किशोर, जानिए
- प्रशांत किशोर का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ। उनके पिता चिकित्सक थे, जिनका हाल ही में निधन हो गया है। उनके बड़े भाई पटना में व्यवसाय करते हैं।
- बिहार में शुरुआती पढ़ाई के बाद प्रशांत इंजीनियरिंग करने हैदराबाद चले गए। पढ़ाई के बाद उन्होंने यूनिसेफ ज्वाइन किया, जहां उन्होंने ब्रांडिंग की जिम्मेदारी संभाली।
- साल 2011 में भारत वापस लौटकर प्रशांत गुजरात के चर्चित 'वाइब्रैंट गुजरात' आयोजन से जुड़े। वहां उनकी मुलाकात गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई।
- प्रशांत किशोर से प्रभावित नरेंद्र मोदी ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली भारी जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को दिया गया।
- प्रशांत किशोर कालक्रम में बीजेपी से निराश होकर बिहार लौटे, जहां उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकी बढ़ी। इसके बाद उन्हों ने 2015 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काम किया।
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