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MP: जब ईद की बधाई देने शहर काज़ी के घर पहुंच गईं 'साध्वी' प्रज्ञा

मौका ईद के पवित्र त्योहार का था. लिहाज़ा साध्वी अपने साथ मिठाई का डिब्बा लेकर भोपाल के शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी के घर पहुंचीं और ईद की मुबारकबाद दी.

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भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फाइल फोटो-आजतक)
भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फाइल फोटो-आजतक)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बुधवार शाम ईद की बधाई देने शहर काजी के घर पहुंच गईं. सांसद बनने के बाद ये पहला मौका था जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मुसलमानों के बीच पहुंचीं.

मौका ईद के पवित्र त्योहार का था. लिहाज़ा साध्वी अपने साथ मिठाई का डिब्बा लेकर भोपाल के शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी के घर पहुंचीं और ईद की मुबारकबाद दी. शहर काजी का इस्तकबाल करने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने परिवार के बच्चों का भी मुह मीठा कराया और उनसे बातचीत की.

इसके बाद परिवार की महिलाओं से भी साध्वी ने मुलाकात की. करीब 20 मिनट तक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शहर काजी के घर पर रहीं. इस दौरान 'आजतक' से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि चुनाव से पहले उनके बारे में विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा जो दुष्प्रचार किया गया, उसे जनता ने नकार दिया है और अब पीएम मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हासिल करने के लिए ही वो यहां आई हैं.

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वहीं शहर काजी ने भी ईद के मौके पर साध्वी के घर आने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि खुशी के मौके पर वह आईं जो अच्छा कदम है, और अब उनके साथ मिलकर भोपाल की बेहतरी के लिए काम करना है.

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शहर काजी के घर से साध्वी के जाने के बाद जब 'आजतक' ने वहां मौजूद मुसलमान समाज के लोगों से बात की तो उन्होंने भी कहा कि साध्वी से मिलकर उन्हें अच्छा लगा. उन्होंने सबसे अच्छे से बात की और चुनाव के दौरान जो कुछ भी सुना था उनसे मिलकर वैसा बिल्कुल नहीं लगा.

गौरतलब है कि नाथूराम गोडसे पर दिए बयान पर सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी पार्टी बीजेपी की अनुशासन समिति को जवाब भेज दिया है. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था जिस पर काफी विवाद हुआ. बाद में पार्टी ने प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया और उनसे जवाब तलब किया था.

नोटिस का जवाब देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, अब मैं अनुशासन में रहूंगी, होना भी चाहिए क्योंकि पार्टी का अपना एक अनुशासन है. गोडसे को देशभक्त बताने वाले विवाद पर अनुशासन समिति ने जवाब मांगा था. प्रज्ञा सिंह को 10 दिन के अंदर अनुशासन समिति को रिपोर्ट देनी थी. प्रज्ञा के विवादित बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे. प्रज्ञा ने यह भी कहा है कि जब अवसर आएगा तो वे प्रधानमंत्री से मिलेंगी और भोपाल की समस्याएं निपटाने के लिए आग्रह करेंगी.

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