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मुस्लिम नेता ने की BJP छोड़ने की पेशकश, एक हफ्ते पहले ही TMC से आए थे

मोनिरुल इस्लाम बीरभूम जिले से विधायक हैं. उनपर उनके राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर लेने का आरोप लगता रहता है. 2014 में दिया गया उनका बयान कि वह अपने विरोधियों को पैर के नीचे कुचल देंगे, काफी चर्चा में रहा था.

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29 मई को ज्वाइन की थी भाजपा (Photo: Rajwant Rawat)
29 मई को ज्वाइन की थी भाजपा (Photo: Rajwant Rawat)

लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में एक नई जंग शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार तृणमूल कांग्रेस (TMC) के किले को ढहाने में लगी है, लेकिन इसी कोशिश में उसे एक झटका भी लगा है. एक हफ्ते पहले ही TMC का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले बड़े मुस्लिम नेता मोनिरुल इस्लाम ने अब पार्टी छोड़ने की पेशकश की है. ये पेशकश उन्होंने इसलिए की है क्योंकि BJP के कुछ नेता उनके पार्टी में आने का विरोध कर रहे थे.

मोनिरुल इस्लाम बंगाल में विधायक हैं और मुस्लिम नेताओं में बड़ा चेहरा हैं. 29 मई को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का हाथ थामा, बीजेपी में कुछ नेताओं का मानना है कि उनके आने से पार्टी की छवि को नुकसान होगा जबकि हमारा लक्ष्य टीएमसी की सरकार को हटाना है.

दरअसल, मोनिरुल इस्लाम बीरभूम जिले से विधायक हैं. उनपर उनके राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर लेने का आरोप लगता रहता है. 2014 में दिया गया उनका बयान कि वह अपने विरोधियों को पैर के नीचे कुचल देंगे, काफी चर्चा में रहा था.

यही वजह रही कि कई भाजपा नेताओं ने उनके पार्टी में आने का विरोध किया. कुछ नेताओं ने इस मसले को पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के सामने भी उठाया है, हालांकि उन्होंने इस फैसले को राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया है. इसी बीच मोनिरुल ने इस्तीफे की पेशकश कर दी.

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पार्टी नेता मुकुल रॉय ने भी बताया कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है लेकिन पार्टी इस पर निर्णय लेगी. लेकिन ये फैक्ट है कि आज अल्पसंख्यक भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, तो आप उन्हें कैसे रोकेंगे.

आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय की अगुवाई में भाजपा बंगाल में अपने विस्तार में लगी है. बीते कुछ दिनों में ही कई विधायक, पार्षद समेत 5000 से अधिक TMC कार्यकर्ताओं ने भाजपा जॉइन की है. कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि वह आने वाले दिनों में सात चरणों में कार्यकर्ताओं को जॉइन करवाएंगे. बता दें कि भाजपा ने इस बार राज्य में कुल 18 लोकसभा सीटें जीती हैं, अब उसकी नज़र 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है.

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