लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27000 करोड़ रुपए खर्च किए। निजी थिंक टैंक सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने सोमवार (3 जून 2019) को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। बीजेपी का चुनावी खर्च देश में हुए कुल चुनावी खर्च 60,000 करोड़ रुपए का 45 प्रतिशत रहा जो कि 2014 के चुनाव में हुए खर्च से ज्यादा है। रिपोर्ट में 2019 के आम चुनाव को ‘अब तक का सबसे महंगा चुनाव’ कहा गया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में किसी भी चुनाव में इतना ज्यादा पैसा खर्च नहीं हुआ। यह पहली बार था जब किसी देश ने चुनाव में इतनी बड़ी रकम खर्च कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने 1998 में हुए चुनाव में कुल चुनावी खर्च का 20 प्रतिशत खर्च किया था। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने 2009 में कुल चुनाव खर्च का 40 प्रतिशत खर्च किया था।

साल 1998 के चुनाव में 9000 करोड़ रुपए खर्च हुए। 1999 में यह आंकड़ा 10000 करोड़ था। 2004 में 14000 करोड़ रुपए चुनावी खर्च रहा, जबकि वर्ष 2009 में 20,000 करोड़ रुपए इस पर खर्च हुए थे। पिछले यानी कि 2014 के आम चुनाव में चुनावी खर्च की रकम 30 हजार करोड़ थी। जो कि 2019 में डबल हो गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस चुनाव में एक वोटर पर लगभग 700 रुपए का खर्च आया।

वहीं सीएमएस के अध्यक्ष एन भास्कर राव ने इस रिपोर्ट पर कहा कि, ‘चुनावी खर्च के दौरान सभी किस्म का भ्रष्टाचार किया जाता है। यही हाल रहा तो 2024 के आम चुनाव में चुनावी खर्च का आंकड़ा 1 ट्रिलियन के पार चला जाएगा। इस समस्या को नहीं समझ सके तो देश में भ्रष्टाचार को नहीं पकड़ पाएंगे।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग एक उम्मीदवार को 70 लाख रुपये चुनाव प्रचार में खर्च करने की अनुमति देता है। लेकिन सीएमएस की रिपोर्ट में जारी किए गए खर्च को देखें तो साफ है कि 7 चरणों और 75 दिनों तक चले इस चुनाव में सभी दलों और उम्मीदवारों ने इस सीमा को पार करते हुए कई गुना ज्यादा रकम खर्च की।