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सपा-बसपा गठबंधन टूट की कगार पर, पासवान बोले- पहले ही कहा था टूट जाएगा साथ

मायावती ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के 12वें दिन पार्टी नेताओं के साथ आज सोमवार को दिल्ली में बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि गठबंधन से चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं. मायावती ने दावा किया कि यादव वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया है. इसलिए अब गठबंधन की समीक्षा की जाएगी.

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रामविलास पासवान ने चुनाव के दौरान दावा किया था कि चुनाव बाद खत्म हो जाएगा गठबंधन (फोटो-ट्विटर)
रामविलास पासवान ने चुनाव के दौरान दावा किया था कि चुनाव बाद खत्म हो जाएगा गठबंधन (फोटो-ट्विटर)

पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी नेताओं के साथ बैठक के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ 5 महीने पुराने गठबंधन की समीक्षा करने की बात कहे जाने के बाद अब इस राजनीतिक गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं. मायावती के बयान के बाद अब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि चुनाव बाद सपा-बसपा गठबंधन टूट जाएगा.

मायावती ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के 12वें दिन पार्टी नेताओं के साथ आज सोमवार को दिल्ली में समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि गठबंधन से चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं. मायावती ने दावा किया कि यादव वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया है. इसलिए अब गठबंधन की समीक्षा की जाएगी.

इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यहां तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अपनी पत्नी और भाई को भी चुनाव नहीं जिता पाए. सूत्रों के मुताबिक, मायावती के इस रुख के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूट की कगार पर नजर आ रहा है. यूपी के सभी बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि बसपा विधानसभा के सभी उपचुनाव में लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है.

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उनके इसी बयान के बाद रामविलास पासवान ने ट्विट करते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर चुटकी ली और कहा कि लोकसभा चुनाव के दरमियान मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा, आज मैं फिर कहता हूं कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन समाप्त हो जाएगा.

लोकसभा चुनाव से पहले 12 जनवरी को उत्तर प्रदेश की राजनीति के दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मिलकर आम चुनाव लड़ने का ऐतिहासिक फैसला लिया, लेकिन चुनाव में इस गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली. बसपा के खाते में 10 सीटें गईं, जबकि सपा को 5 सीट पर ही संतोष करना पड़ा था.

परिणाम आने से पहले माना जा रहा था कि गठबंधन उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन कर सकती है, लेकिन परिणाम उसके पक्ष में नहीं गया. अपेक्षित परिणाम नहीं आने के बाद से ही माना जा रहा था कि गठबंधन का भविष्य अधर में है, हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव गठबंधन को बनाए रखने के पक्ष में हैं और उनकी ओर से गठबंधन को लेकर किसी तरह का बयान नहीं आया है.

खास बात यह है कि मायावती जिस समय दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं, उसी समय अखिलेश आजमगढ़ में बसपा के साथ साझा रैली में जनता को चुनाव में जीत दिलाने के लिए धन्यवाद दे रहे थे.

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