बंगाल में TMC की हालत देखकर CPI (M) को जगा जोश, फिर खोले बंद पड़े दफ्तर
लोकसभा लोकसभा चुनाव परिणामों में बीजेपी की जीत सभी विपक्षियों के लिए बुरी खबर साबित नहीं हुई है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कम होते प्रभाव को देखते हुए अब सीपीआई (एम) एक बार फिर उम्मीद के सहारे राज्य में अपने पैर जमाने की कोशिश करना शुरू कर रही है. 2011 के बाद से ही सीपीआई (एम) पश्चिम बंगाल में कहीं खोती हुई सी नजर आ रही थी लेकिन अब एक बार फिर ग्राम पंचायतों में टीएमसी का कम होता प्रभाव देख अब सीपीआई (एम) अपने बंद पड़े दफ्तरों को खोलना शुरू कर दिया है. वहीं इस दौरान इन दफ्तरों की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है.
सीपीआई (एम) के दफ्तरों को पहुंचाया था नुकसान
पिछले नौ सालों में जब से ममता बनर्जी सत्ता में आईं राज्य में मौजूद अधिकतर सीपीआई (एम) के दफ्तरों में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी, आग लगाई थी या फिर उन पर अपना अधिकार जमा लिया था. इसके बाद से ही नेतृत्व की कमी और टूटते वोट बैंक के बाद पार्टी ने ब अपने अधिकतर ऑफिसों को ताला लगा दिया था. इसके पीछे एक मुख्य कारण डर भी था. वहीं ममता ने कई बार यह भी आरोप लगाया था कि लेफ्ट फ्रंट को बीजेपी से समर्थन मिल रहा है.
सीपीआई (एम) के 55 दफ्तर खुले
न्यूज 18 से खास बातचीत के दौरान सीपीआई (एम) के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, 'यह सच है कि हमने हाली में पश्चिम बंगाल में अपने 55 दफ्तरों को एक बार फिर से खोल लिया है. यह हमने बिना किसी पार्टी की मदद से किया है. बीजेपी यह झूठी अफवाह फैला रही है कि वे हमारी मदद कर रहे हैं. वहीं टीएमसी के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनका आरोप भी निराधार और झूठा है. यहां पर फिर खुले हैं दफ्तर चक्रवर्ती ने बताया कि पार्टी ने अपने अधिकतर दफ्तर कूच बिहार में खेले हैं. महिशदल, मिदनापुर में भी कई सालों से सीपीआई (एम) के दफ्तर बंद पड़े हैं. इन इलाकों में टीएमसी के एमपी देव का खासा प्रभाव है. लेकिन एक रोचक बात यह हुई कि जैसे ही लोकसभा चुनावों के परिणाम आए टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हमारे कई दफ्तर हमें फिर से लौटा दिए. हालांकि बाद में टीएमसी से ही संबद्ध शुभेंदु अधिकारी फिर वहां पर मंगलवार को आए और दफ्तरों को अपने कब्जे में ले लिया.
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Tags: CPI Maoist, Election 2019, Lok Sabha Election 2019, Mamta Bannerjee, TMC, West bengal