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एस जयशंकर: अमेरिका संग परमाणु समझौते से लेकर 'चाइना एक्सपर्ट' तक कीर्तिमान, अब बने मोदी के मंत्री

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Nilesh Kumar Updated Fri, 31 May 2019 07:21 PM IST
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S Jaishankar: Cabinet minister of Modi govt,  political career profile, China expert
S Jaishankar - फोटो : अमर उजाला

मोदी कैबिनेट 2.0 में ज्यादातर चेहरे पुराने रहे, वहीं नए चेहरों में जो चौंकाने वाले नाम सामने आए, उनमें भारत सरकार के विदेश सचिव रह चुके एस जयशंकर का नाम भी शामिल है। विदेश नीति में माहिर रहे एस जयशंकर की पहचान चीन एक्सपर्ट के रूप में रही है। अमेरिका, चीन और आसियान देशों के साथ कूटनीतिक वार्ताओं का हिस्सा रहे सुब्रह्मण्यम जयशंकर को पीएम मोदी का करीबी भी कहा जाता है। 






15 जनवरी 1957 को दिल्ली में जन्मे एस जयशंकर, जाने-माने इतिहासकार संजय सुब्रह्मण्यम के भाई हैं। इनके एक और भाई एस विजय कुमार भी ग्रामीण विकास सचिव रह चुके हैं। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर भारत और अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते में अहम भूमिका निभा चुके हैं। जयशंकर उन राजनयिकों में से हैं, जिन्हें चीन, अमेरिका और रूस तीनों ही मुल्कों में काम करने का अनुभव है। फिलहाल जयशंकर टाटा समूह के वैश्विक कॉरपोरेट मामलों के प्रमुख हैं। 

मनमोहन नहीं बना पाए, मोदी ने बनाया विदेश सचिव

एस जयशंकर और पीएम मोदी की पुरानी जान-पहचान बताई जाती है। तब नरेंद्र मोदी पीएम नहीं, बल्कि गुजरात के सीएम थे। 2012 में जब मोदी चीन गए थे, उसी दौरान जयशंकर उनसे मिले थे। खबरों के अनुसार, मनमोहन सिंह 2013 में ही उन्हें विदेश सचिव बनाना चाहते थे, लेकिन नहीं बना पाए और सुजाता सिंह को विदेश सचिव बनाया गया। नरेंद्र मोदी जब पीएम बने तो एस जयशंकर को विदेश सचिव बनाया। जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहे। 

डोकलाम विवाद को सुलझाने में अहम रोल

S Jaishankar: Cabinet minister of Modi govt,  political career profile, China expert
S Jaishankar - फोटो : PTI
जयशंकर ने विदेश सचिव के रूप में अमेरिका, चीन और अन्य देशों के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। चीन के साथ 73 दिन तक चले डोकलाम विवाद को सुलझाने में भी जयशंकर का अहम रोल बताया जाता है। साल 2010 में चीन में जम्मू कश्मीर के लोगों को संदेह की नजर से देखा जाता था और उन्हें स्टेपल वीजा दिया जाता था। जयशंकर ने इस पॉलिसी को बदलवाने में भी अहम भूमिका निभाई। देखा जाए तो विदेश सचिव के तौर जयशंकर का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा। 
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