प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल से बीजेपी के 54 कार्यकर्ताओं के परिजन दिल्ल पहुंच चुके हैं। ये परिजन उन कार्यकर्ताओं के हैं जिनकी मौत राजनीतिक हिंसा में हो गई। गौरतलब है कि बीते सालों में और खासकर चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में कई बीजेपी कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबरें सुर्खियों में रहीं। कई जगहों पर कार्यकर्ताओं को मारकर उन्हें पेड़ पर टांग दिया गया। चुनाव में भारी सफलता हासिल करने के बाद बीजेपी ने अपने उन कार्यकर्ताओं को याद करते हुए उनके परिजनों को शपथ समारोह में आमंत्रित किया है। पीड़ित परिजन का दिल्ला में रहने से लेकर खाने-पीने का बंदोबस्त बीजेपी ने किया है।

हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 54 कार्यकर्ताओं के पीएम के शपथ समारोह में आमंत्रित किए जाने की घटना को सियासी रंग करार दिया। ममता बनर्जी भी पहले राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ समारोह में हिस्सा लेने आने वाली थीं, लेकिन इसी वजह से उन्होंने अपने कदम वापस कर लिए। ममता बनर्जी का कहना है कि बीजेपी जिन लोगों की हत्याओं को राजनीतिक हत्या करार दे रही है, असल में वह निजी दुश्मनी और रंजीश का नतीजा है।

बुधवार को पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से पीड़ित परिजन दिल्ली के लिए रवाना हुए। हावड़ा स्टेशन पर दक्षिण 24 परगना जिले के कृष्णेंदु सरकार और मौसमी घोरुई समेत जैसे कई परिजन रवाना हुए। द इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में कृष्णेंदु ने बताया कि उसके पिता की 27 जुलाई, 2018 को हत्या कर दी गई। उसका कहना था, “प्रधानमंत्री के शपथ समारोह में हमें आमंत्रित किया गया है। हम काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं। लेकिन हमारी प्राथमिकता है कि मेरे पिता के हत्यारों को सजा मिले। हमें न्याय मिले।” कृष्णेंदु ने कहा कि वह पहली बार दिल्ली जा रहे हैं।

22 दिसंबर, 2018 को बुबई घोरुई की भी दक्षिण 24 परगना जिले में हत्या कर दी गई। उनकी पत्नी मौसमी भी बाकी लोगों के साथ राजधानी से दिल्ली के लिए रवाना हो रही थीं। मौसमी का कहना था, “घटना (पति की हत्या) के बाद हमारे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। अब जितने भी परिवार यहां आए हैं, वे सभी न्याय पाने के लिए प्रधानमंत्री से काफी कुछ अपेक्षा रखते हैं। हमें उम्मीद है कि वे लोग हमारे परिवार की देखभाल करेंगे।”

पुरुलिया में बीजेपी हेडक्वार्टर से दिल्ली रवाना होते वक्त यादव सहिस ने बताया कि उनके बेटे शिशुपाल की टीएमसी कार्यकर्ताओं ने 18 अप्रैल को हत्या कर पेड़ से लटका दिया। उनके बेटे का शव पेड़ पर झूलता हुआ मिला था।” यादव कहते हैं, “मेरा बेटा बीजेपी का कार्यकर्ता था। एक दिन वह घर से बाहर गया और फिर कभी लौटकर नहीं आया। अगर हमें प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला तो हम इस मामले को उठांगे।” बीजेपी का कहना है कि पीड़ित परिवारों से कुल 80 सदस्य प्रधानमंत्री के शपथ समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। हावड़ा से रवाना होने से पहले पीड़ित परिजनों के साथ बीजेपी नेता तुषार कांत घोष ने बताया, “65 लोग राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हो रहे हैं। जबकि, 20 अलग से जा रहे हैं।”