सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   MP tejasvi surya contested for the first time election in the 7th Class

28 साल के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या को एक भाषण ने बनाया हीरो, ये है सड़क से संसद तक पहुंचने की कहानी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Avdhesh Kumar Updated Thu, 30 May 2019 08:47 AM IST
विज्ञापन
MP tejasvi surya contested for the first time election in the 7th Class
तेजस्वी सूर्या - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
बंगलूरू दक्षिण की लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी 28 साल के तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को मात देकर बड़ी जीत दर्ज की। वह पहली बार संसद में पहुंचेंगे। तेजस्वी इस बार के चुनाव में भाजपा के सबसे युवा सांसद हैं जो जीतकर आए हैं। वह अपने कॉलेज के दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं।


28 साल के तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील और भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव हैं। इसके अलावा भाजपा के  2019 के लिए गठित राष्ट्रीय सोशल मीडिया अभियान में भी वह अहम सदस्य हैं। भाजपा का हिस्सा बनने से पहले छात्र संगठन, एबीवीपी में सक्रिय रह चुके हैं। नेटवर्किंग में माहिर माने जाने वाले तेजस्वी लोगों के बीच एक प्रखर वक्ता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। कहा गया कि तेजस्वी के जोरदार भाषण ने ही उन्हें भाजपा का हीरो बनाया है। 


बता दें कि बेंगलुरु दक्षिण सीट से भाजपा के अनंत कुमार सांसद थे। उनके देहांत के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि अब यहां से उनकी पत्नी तेजस्विनी भाजपा की उम्मीदवार होंगी। लेकिन पार्टी के चयन ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन


तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस के कद्दावर नेता बीके हरिप्रसाद को मात दी है।  हरिप्रसाद, राज्यसभा सांसद हैं। राजनीति में लंबा तजुर्बा रखते हैं। बीते कुछ समय से कर्नाटक की राजनीति से भले दूर रहे हों लेकिन कांग्रेस संगठन में उनके पास लंबा अनुभव है। इसके बरक्स तेजस्वी सूर्या युवा हैं। अनुभव भले न हो लेकिन उसकी भरपाई अपने जोश से करने को बेताब हैं। इस बेताबी की एक झलक उन ट्वीट्स में दिखती है जो उन्होंने भाजपा की लिस्ट में नाम आने के ऐन बाद किए थे। 
विज्ञापन

उनका एक ट्वीट जो उन्होंने टिकट मिलने के बाद किया था। उन्होंने लिखा था, "ओह माय गॉड। विश्वास ही नहीं होता! दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम और सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के एक व्यक्ति को बंगलूरू दक्षिण जैसी प्रतिष्ठित सीट के लिए चुना है। ये सिर्फ भाजपा में हो सकता है।" उनका यह ट्वीट काफी सुर्खियों में रहा था।

बंगलूरू दक्षिण सीट में ऐसा क्या है खास?

MP tejasvi surya contested for the first time election in the 7th Class
तेजस्वी सूर्या (फाइल फोटो) - फोटो : PTI
साल था 1991। भाजपा के वेंकटगिरी गौड़ा ने बंगलूरू दक्षिण पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद आया साल 1996 का चुनाव। 37 साल के अनंत कुमार ने वेंकटगिरी से मिली कमान कायदे से संभाली और फिर अगले पांच चुनावों तक किसी को फटकने नहीं दिया।

अनंत कुमार कुल छह बार बंगलूरू सीट से जीत कर लोकसभा पहुंचे। 1999 में एक छोटी कोशिश बीके हरिप्रसाद ने जरूर की लेकिन नाकाम कोशिश। अनंत कुमार ने उन्हें करीब 65 हजार वोटों से हरा दिया था। 

तेजस्विनी से तेजस्वी तक की कहानी

12 नवंबर 2018 को अनंत कुमार का निधन हो गया। जिसके बाद ये सीट खाली हो गई। इस बार जब टिकट बंटने की बारी आई तो उम्मीद अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी को भी थी। उन्हें लगा कि टिकट उन्हीं को मिलेगा। शायद यही वजह थी कि जब तेजस्वी के नाम का एलान हुआ तो तेजस्विनी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये चौंकाने वाली खबर रही। हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा कि वो पार्टी पर कोई सवाल उठाना नहीं चाहतीं। 

एक छोटे से घर में तेजस्वी सूर्या ने अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा बिताया है

MP tejasvi surya contested for the first time election in the 7th Class
तेजस्वी सूर्या - फोटो : Social media
दक्षिण बंगलूरू के एक छोटे से घर में तेजस्वी सूर्या ने अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा बिताया है। एक बेडरूम को उन्होंने स्टूडियो में तब्दील किया है जिसमें तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। यहां से वह सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए फोटो और वीडियो को शूट करते हैं। इस कमरे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था, यह अकेला ऐसा कमरा है जिसका मैं वर्तमान में प्रयोग करता हूं, वरना मैं पूरे घर का इस्तेमाल अपने अस्थायी चुनाव अभियान कार्यालय के तौर पर करता हूं। 

सांसद का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने पहला चुनाव असिस्टेंट हेड ब्वॉय के तौर पर स्कूल में सातवीं कक्षा के दौरान लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी क्योंकि वही अकेले उम्मीदवार थे जिसने अभियान को गंभीरता से लिया था।
विज्ञापन

पेशे से वकील सूर्या ने कई भाजपा नेताओं का मुकदमा लड़ा है

MP tejasvi surya contested for the first time election in the 7th Class
हथियारों के साथ तेजस्वी सूर्या की वायरल तस्वीर - फोटो : social media
स्कूल ब्वॉय से लेकर सांसद का टिकट मिलने तक सूर्या ने एक लंबी यात्रा तय की है लेकिन उनका हर चुनाव अभियान युवाओं की ओर उन्मुख रहा। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और युवा मोर्चा के पूर्व नेता रह चुके हैं। उन्होंने कई रैलियों में हिस्सा लिया है- जैसे मंगलोर चलो बाइक रैली जो पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान आयोजित हुई थी।

पेशे से वकील सूर्या ने कई भाजपा नेताओं का मुकदमा लड़ा है। उन्होंने पोस्टकार्ड न्यूज के संपादक महेश हेगड़े का साइबर अपराध मामले में बचाव किया है। मैसूर सांसद प्रताप सिम्हा का भी कई मामलों में बचाव किया और कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में अशोक हर्नाहल्ली के साथ मिलकर उनका बचाव किया था। यह सीट 1991 से भाजपा का गढ़ रही है। सूर्या को इस लोकसभा क्षेत्र के विधायकों से कोई खास समर्थन नहीं मिला। इसके बावजूद उन्होंने जीत हासिल की है। सूर्य ने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को 331192 मतों से हराया है। सूर्य को कुल 739229 मत प्राप्त हुए। 
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

  • Downloads

Follow Us

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर
रजिस्टर करें और 100 Loyalty कॉइन्स पाएं

केवल नए रजिस्ट्रेशन पर
और जानें
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर

X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed