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Lok Sabha Chunav 2019 Result: BJP Victory in Madhya pradesh is profitable for Kamal Nath Congress
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मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत से कांग्रेस को राहत, इस विधायक के सांसद बनने से मिली 'संजीवनी'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: Nilesh Kumar
Updated Wed, 29 May 2019 10:27 AM IST
कमलनाथ बनाम शिवराज(File Photo)
- फोटो : अमर उजाला
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लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 में से 28 सीटें जीत कर मध्यप्रदेश में कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया। सीएम कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ की जीत के साथ कांग्रेस केवल एक सीट (छिंदवाड़ा) निकाल पाई। सत्ता में रहते हुए प्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई, वहीं 28 जीती सीटों में से एक सीट पर भाजपा की जीत, कांग्रेस के लिए राहत लेकर आई है। वह सीट है रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र, जहां से सांसद निर्वाचित हुए जीएस डामोर को अब विधायक पद से इस्तीफा देना होगा। इससे कांग्रेस प्रदेश में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार हो जाएगी।
रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद जीएस डामोर जिस दिन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे, वह दिन कांग्रेस के लिए राहत भरा होगा। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में डामोर के इस्तीफे के बाद 229 सदस्य बचेंगे, जिसमें स्पष्ट बहुमत के लिए 115 सीटें चाहिए होंगी और इतने विधायक कांग्रेस के पास हैं। डामोर प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक हैं।
उपचुनाव होने तक राहत, समर्थन की जरुरत नहीं
इस सीट पर उपचुनाव होने तक कांग्रेस के लिए राहत बनी रहेगी। ऐसे हालात में कांग्रेस सरकार को बाहर से किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह 115 विधायकों के साथ बहुमत में होगी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सुरक्षित बची रहेगी। ऐसे में भाजपा नेताओं के उस दावे को झटका लगने वाला है, जिनमें कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का आरोप लगाया जा रहा था।
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...लेकिन भाजपा ने इस्तीफा नहीं दिलवाया तब?
कांग्रेस को राहत तभी होगी, जब डामोर विधायकी छोड़ कर संसद पहुंचें, लेकिन ऐसा नहीं होने पर दिक्कत हो सकती है। कारण कि भाजपा सूत्रों का कहना है कि फिलहाल पार्टी ने डामोर के इस्तीफे को लेकर किसी तरह का फैसला नहीं किया है।
हालांकि प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह कहते हैं कि जब उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाया है तो पार्टी उनका उपयोग संसद में ही करेगी। वे कहते हैं कि अभी 14 दिन का वक्त है। सारे तकनीकी पक्ष पर विचार करने के बाद इस बारे में पार्टी फैसला लेगी।
उपचुनाव में कांग्रेस ने मारी बाजी तो पूर्ण बहुमत
डामोर के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो जाएगी। ऐसी स्थिति में यहां उपचुनाव होना तय है। यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि इस उपचुनाव में कांग्रेस जीत गई तो उसके 116 विधायक हो जाएंगे और वह विधानसभा में स्पष्ट बहुमत में आ जाएगी। हालांकि भाजपा के 'अल्पमत कांग्रेस सरकार' वाले आरोपों और दावों के बीच कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती यह भी रहेगी कि वह अपने विधायकों को न टूटने दे।
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