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जिसे तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं वह राजद छोड़ दे: तेजप्रताप यादव
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- तेजप्रताप ने कहा- हमेशा तेजस्वी का साथ दूंगा
- कोई प्रहार होता है तो पहले उसका सामना करूंगा
पटना. राजद के नेताओं ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव में हुई हार पर मंथन किया। तेजप्रताप यादव इस बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने भाई तेजस्वी के लिए पत्र लिखकर बचाव किया। इस पत्र में तेज प्रताप ने कहा कि जिसे भी तेजस्वी के नेतृत्व पसंद नहीं है। वह पार्टी छोड़ दे। मैं हमेशा तेजस्वी का साथ दूंगा। अगर कोई प्रहार होता है तो आगे बढ़कर पहले उसका सामना करूंगा।
वोट की नहीं, सेटिंग की जीत हुई
तेजप्रताप ने कहा, \'उम्मीदवारों का चयन ठीक तरह से नहीं हुआ। मैंने तो सिर्फ दो सीट मांगी थी। साफ और समर्पित लोगों को ही उम्मीदवार बनाना चाहिए था। जिसने टिकट बांटा, जो चुनाव लड़ा उसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अब एक-दूसरे की टांग खींचने का वक्त नहीं। दुश्मन घर में घुस चुका है। हमें आगे की लड़ाई पर फोकस करना चाहिए।\'
\'2020 का चुनाव सामने है। अब मिलकर लड़ना होगा। लालू यादव बाहर नहीं थे। वह रहते तो ऐसा न होता। जीतने वाली सीट भी हार गए। मैं हार के लिए तेजस्वी को दोषी नहीं मानता। वोट नहीं, सेटिंग की राजनीति हुई। ईवीएम में सेटिंग की गई। हमें 2020 की लड़ाई पर फोकस करना है।\'
\'असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो\'
तेजप्रताप ने तेजस्वी को भेजे पत्र में लिखा कि असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो। क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो। जब तक सफल न हो नींद-चैन को त्याग दो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़ न भागो तुम। कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती।
तेज प्रताप ने कहा- मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों एवं परिवार को तोड़ने वाले के खिलाफ आवाज उठाई। शुरू से ही योग्य, ईमानदार, युवा, कर्मठ, स्थानीय और पार्टी के प्रति निष्ठावान लोगों को उम्मीदवार बनाने की मांग की। मैंने बार-बार आपको इर्द-गिर्द के लोगों से सावधान रहने को कहा।