इस्लामिक कैलेंडर ने पहले ही कर दी मोदी की जीत की भविष्यवाणी? एडिटर ने बताई सच्चाई

5 वर्ष पहले
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  • क्या फेक : इस्लामिक कैलेंडर ने पहले ही मोदी की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी, कैलेंडर में 25 मई के सामने मोदी का शपथ ग्रहण लिखा है
  • क्या सच : कैलेंडर में छपी तारीख 2014 में हुए शपथ ग्रहण के अनुसार है, 2014 के बाद से हर साल कैलेंडर में 25 मई के सामने मोदी का शपथ ग्रहण ही छपता आया है

फैक्ट चेक डेस्क. लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 मई को हुई थी। पीएम मोदी की जीत के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक इस्लामिक कैलेंडर की फोटो शेयर की जा रही है। कैलेंडर में 25 मई 2019 की तारीख के आगे \'मोदी जी का शपथ ग्रहण\' लिखा हुआ है।

यूजर्स इसे शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि मोदी की जीत की भविष्यवाणी पहले ही इस कैलेंडर में कर दी गई थी।

दैनिक भास्कर प्लस ऐप की टीम ने पड़ताल करने के लिए कैलेंडर के एडिटर शकील अहमद से संपर्क किया। एडिटर ने हमें इस वायरल पोस्ट की सच्चाई बताई।

 

क्या वायरल

  • यूजर्स फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिख रहे हैं, \'इस कैलेंडर में 25 तारीख जूम करके देखो, इसमें पहले से ही बता दिया गया है कि 25 तारीख को मोदी जी शपथ ग्रहण करेंगे।\'

 

25 तारीख को ज़ूम करके देखे, पहले ही लिख दिया मोदी जी का शपथ ग्रहण !! pic.twitter.com/vvVmENmALz

— Arun (@ArunDeshpande20) May 27, 2019


क्यों फेक

  • कैलेंडर की डिजाइनिंग और प्रिंटिंग अमेजिंग प्रिंट, नागपुर द्वारा की गई है।
  • कैलेंडर के एडिटर और अमेजिंग प्रिंट के मालिक शकील अहमद से बात करने पर उन्होंने बताया कि वायरल फोटो सही है लेकिन उसके साथ किया गया दावा झूठा है।
  • शकील अहमद ने बताया कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 2014 में मोदी ने 25 मई को शपथ ग्रहण की थी। तब से हर साल इस कैलेंडर में 25 मई के आगे मोदी शपथ ग्रहण छपा होता है।
  • शकील अहमद ने कहा, \'साल 2014 में मोदी बहुमत से जीते थे, इस साल उन्होंने 25 मई को शपथ ग्रहण की थी। इसी मौके को अहम दिन मानकर 2014 से लेकर हर साल कैलेंडर में  इस तारीख के साथ \'मोदी शपथ ग्रहण\' छापा जाता है। 2019 में लोकसभा चुनाव होने के कारण लोगों ने इसे भविष्यवाणी के तौर पर देखा।\'
  • अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से पीएम मोदी ने 2014 में 26 मई को शपथ ग्रहण की थी। तारीखों में एक दिन के अंतर के बारे में पूछने पर शकील अहमद ने कहा, \'इस्लामिक कैलेंडर चांद के अनुसार चलता है और अंग्रेजी कैलेंडर सूरज के हिसाब से। इसलिए दोनों की तारीखों में कभी-कभी थोड़ा फर्क आ जाता है।\'
  • शकील ने यह भी बताया कि इस्लाम में भविष्यवाणी जैसी कोई मान्यता नहीं होती।
  • स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर तो सही है लेकिन उसके साथ किया गया दावा झूठा है। 
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