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स्मृति ईरानी के करीबी पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या; इलाके में तनाव
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- जामो थाना इलाके के बरौलिया गांव की घटना
- हत्या के कारणों का अभी नहीं लगा सुराग
अमेठी. गौरीगंज के बरौलिया गांव में पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुरेंद्र अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के करीबी थे। स्मृति रविवार को अमेठी पहुंचीं और सुरेंद्र की अर्थी को कंधा दिया। स्मृति ने सुरेंद्र के परिजनों से भी मुलाकात की और कहा कि मैंने दोषियों को मौत की सजा दिलाने की शपथ ली है।
सुरेंद्र सिंह ने अमेठी में स्मृति के चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। कई मौकों पर वे मंच पर स्मृति के साथ नजर आए थे। सुरेंद्र के बेटे ने कहा कि इस हत्या के पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर शक है।
सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा तो जाऊंगी- स्मृति
स्मृति ईरानी ने कहा- सुरेंद्र सिंहजी के परिवार के सामने मैंने शपथ ली है। जिस व्यक्ति ने फायर किया है और िजसने इसका आदेश दिया है। अगर मुझे दोषियों को मौत की सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा तो मैं वहां भी जाऊंगी।
12 घंटे में हत्याकांड का खुलासा होगा- पुलिस
पुलिस को इसके पीछे परिवारिक रंजिश होने का शक है। उत्तरप्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधान सुरेंद्र कुमार की हत्या के मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने डीजीपी ओपी सिंह को 12 घंटे के भीतर हत्या का खुलासा करने का निर्देश दिया।
लखनऊ ले जाते वक्त रास्ते में हुई मौत
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात सुरेंद्र अपने घर के बाहर सो रहे थे, तभी उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। सुरेंद्र को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रैफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
बेटे को कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर शक
सुरेंद्र के बेटे ने कहा, ‘‘मेरे पिता स्मृति ईरानी के सहयोगी थे और चौबीस घंटे उनके चुनाव प्रचार में जुटे रहते थे। उनके सांसद बनने के बाद विजय यात्रा निकाली थी। मुझे लगता है कि कांग्रेस के कुछ समर्थकों को यह बात नागवार गुजरी। हमें कुछ लोगों पर शक है।’’
सुरेंद्र को साथ लेकर स्मृति करती थीं प्रचार
बरौलिया गांव, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का गोद लिया गांव था। स्मृति ने प्रचार के दौरान इसी गांव में जूते बांटे थे। लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र ने स्मृति के चुनाव प्रचार में अहम रोल निभाया था। वे ज्यादातर जगहों पर सुरेंद्र के साथ ही प्रचार करने जाती थीं। उनकी कई मौके पर स्मृति के साथ फोटो भी है। सुरेंद्र का प्रभाव कई गांवों में था। जिसका फायदा स्मृति को चुनाव प्रचार में मिला।
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