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अमेठी पहुंच सुरेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं स्मृति ईरानी, पार्थिव शरीर को दिया कंधा

सुरेंद्र सिंह के बेटे अभय ने कहा कि उसके पिता चौबीसों घंटे प्रचार में जुटे रहते थे. स्मृति ईरानी की जीत के बाद उन्होंने विजय यात्रा भी निकाली थी. ये बात कांग्रेस कार्यकर्ता शायद नहीं पचा पाए. पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है.

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मृतक सुरेंद्र सिंह (फोटो-इंडिया टु़डे आर्काइव)
मृतक सुरेंद्र सिंह (फोटो-इंडिया टु़डे आर्काइव)

अमेठी में बीजेपी कार्यकर्ता और स्मृति ईरानी के खास करीबी सुरेंद्र सिंह की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सुरेंद्र सिंह के बेटे अभय ने आरोप लगाया है कि इलाके के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसके पिता की हत्या कराई है. उधर अमेठी से सांसद बनीं स्मृति ईरानी मृतक सुरेंद्र सिंह के शोक में डूबे परिवार से मिलने रविवार को लखनऊ पहुंच गई हैं. उन्होंने अंतिम यात्रा में सुरेंद्र सिंह के शव को कंधा भी दिया.

इस घटना के बारे में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, 'हमें घटना के अहम सुराग मिले हैं. 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हमें विश्वास है कि अगले 12 घंटे में केस की गुत्थी सुलझा ली जाएगी. पीएसी की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं. कानून व्यवस्था का कोई मुद्दा नहीं है.' ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में सुरेंद्र सिंह का पोस्टमार्टम किया जा चुका है. सुरेंद्र सिंह के परिजन उनका शव लेकर अमेठी के लिए रवाना हो चुके हैं.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की शनिवार देर रात गोली मार कर हत्या कर दी गई. सुरेंद्र सिंह रात को अपने घर के बाहर सो रहे थे, इसी बीच अज्ञात बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी. अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने बताया कि जामो थाना क्षेत्र के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

सुरेंद्र सिंह के बेटे अभय ने रविवार को इस घटना के बारे में मीडिया से कहा, 'मेरे पिता घर के बाहर थे और हम लोग अंदर थे. अचानक बाहर गोली चलने की आवाज आई. हम बाहर दौड़ कर आए और देखा कि उनके सिर से काफी खून बह रहा है. हमलोग उन्हें जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर रेफर दिया. लखनऊ ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई.'

बेटे का कांग्रेस पर आरोप

अभय ने आगे कहा, 'हमने हमलावरों को तो नहीं देखा लेकिन इतना साफ है कि इसमें कांग्रेस पार्टी शामिल है. मेरे पिताजी ने काफी सक्रियता से स्मृति ईरानी के लिए प्रचार किया था और इस बूथ से बीजेपी को अच्छे वोट भी मिले थे.' अभय ने कहा कि 'मेरे पिता स्मृति ईरानी के प्रचार में चौबीसों घंटे लगे रहते थे. स्मृति ईरानी की जीत के बाद उन्होंने विजय यात्रा भी निकाली थी. मुझे लगता है कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह बात पसंद नहीं आई. हमें कुछ लोगों पर संदेह है.'

उधर अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने बताया कि बाइक सवार बदामशों ने घर के बाहर सो रहे सुरेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी. दया राम के मुताबिक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है, घटना की जांच जारी है. गौरतलब है कि लोक सभा चुनाव के दौरान जूता बांटने वाले विवाद में पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे. वे स्मृति ईरानी के बहुत करीबी थे. बरौलिया गांव को रक्षा मंत्री रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था. स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार में पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की अहम भूमिका थी. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह का प्रभाव कई गांवों में था. इसी कारण स्मृति ईरानी के सुरेंद्र सिंह के गांव के आसपास के इलाकों में अच्छा खासा वोट मिला.  

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