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गुलाम नबी आजाद बोले- राहुल गांधी की लीडरशिप पर कोई शंका नहीं, वही पार्टी को लीड करेंगे

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया. वहीं, गुलाम नबी आजाद ने कहा उनकी लीडरशीप पर किसी को कोई शंका नहीं है. राहुल गांधी ही पार्टी को लीड करेंगे. 

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कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी को एक लीडरशीप दी है. उनकी लीडरशीप पर किसी को कोई शंका नहीं है. सीडब्ल्यूसी की बैठक में सभी सदस्यों ने राहुल के काम की सराहना की. राहुल गांधी ही पार्टी को लीड करेंगे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया. सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी हार स्वीकार करती है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ही रहेंगे. पार्टी में बदलाव के पूरे अधिकार राहुल गांधी को दिए गए हैं.कांग्रेस पार्टी विभाजन वाली ताकतों से लड़ने के लिए तैयार है.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC)  की बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि गांधी परिवार से अगला अध्यक्ष ना हो. साथ ही प्रियंका गांधी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए ना प्रस्तावित किया जाए.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं, पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं. इसके बाद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा निकल गए हैं.

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बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. सदस्यों का राहुल से कहना है कि आप इस्तीफा मत दीजिए. आप काम कीजिए. सभी की बात सुनने के बाद अब राहुल ने बैठक को संबोधित किया.

सोनिया, प्रियंका, मनमोहन ने समझाया

इससे पहले 23 मई को राहुल ने सोनिया गांधी से इस्तीफा देने की बात कही थी. इस पर उन्होंने (सोनिया) राहुल से कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अपनी बात रखने को कहा था. आज भी राहुल इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन बैठक से पहले प्रियंका गांधी और मनमोहन सिंह ने राहुल को समझाया. मनमोहन सिंह ने कहा था कि हार जीत लगी रहती है, इस्तीफे की जरूरत नहीं है.

हार पर मंथन

मोदी की सुनामी में कांग्रेस की जो गत हुई, उससे हर कोई हैरान है. हार पर मंथन करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज इकट्ठा हुए. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंचें.

52 सीटों पर जीती कांग्रेस, अमेठी से हारे राहुल

2014 के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ 8 सीटें बढ़ीं हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थीं. जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं, जिससे उसे लोकसभा में विपक्ष का भी दर्जा नहीं मिलेगा. इसके लिए भी 54 का आंकड़ा चाहिए. राहुल गांधी भले ही वायनाड से बंपर वोटों से जीत गए हों. लेकिन कांग्रेस के गढ़ अमेठी पर अब भगवा लहरा रहा है. स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी.

राज बब्बर ने भी की इस्तीफे की पेशकश

राहुल गांधी के इस्तीफे की बात सामने आने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है. यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर जैसे नेताओं ने अचानक सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी हार की बात को स्वीकारते हुए खुद को इसके लिए जिम्मेदार बताया.

बब्बर ने ट्वीट किया, 'जनता का विश्वास हासिल करने के लिए विजेताओं को बधाई. यूपी कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक हैं. अपनी जिम्मेदारी को सफल तरीके से नहीं निभा पाने के लिए खुद को दोषी पाता हूं. नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंगा.'

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ओडिशा के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा. उन्होंने कहा, 'मैंने राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) को अपना इस्तीफा भेजा है.' राज्य में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, वहीं दिग्गज नेताओं ने अपनी सीट भी गंवा दी.

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