बीजेपी से हार के बाद CWC की मीटिंग आज, राहुल गांधी कर सकते हैं इस्तीफे की पेशकश
हार की वजहों पर मंथन करने और आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक आज होने जा रही है.
- News18Hindi
- Last Updated :
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के हाथों कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी अपना वजूद बचाने की कोशिश में लगी हुई है. कांग्रेस ने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उन्हें इस तरह की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ेगा. हार की वजहों पर मंथन करने और आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक आज होने जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं.
उधर लोकसभा चुनाव मिली हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों की लाइन लग गई है. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजबब्बर ने इस्तीफे की पेशकश की है. इतना ही नहीं कर्नाटक में सरकार होने के बावजूद बुरा प्रदर्शन करने के चलते कर्नाटक कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी इस्तीफे की पेशकश की है.कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी में मिली हार के बाद जिला इकाई के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी हार का नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है.
इसे भी पढ़ें :- Lok Sabha Election में हार के बाद राहुल गांधी की डेस्क पर लगा इस्तीफों का अंबार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी ने गुरुवार को हार का पूरा जिम्मा लेते हुए अपने इस्तीफे की भी पेशकश की थी, जबकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. हालांकि बाद में कांग्रेस ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि राहुल ने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की. वहीं देखा जाए तो अब कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि सदन में विपक्ष के नेता को भी नियुक्त कर सके. ऐसा अब लगातार दो बार हो चुका है.
इसे भी पढ़ें :- PM नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा
कांग्रेस में अंदरूनी कलह
वहीं अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि राहुल की ओर से किए गए निजी हमले जब काम नहीं कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें जारी क्यों रखा. ऐसा ही कुछ आडवाणी के साथ भी हुआ था जब 2009 में कमजोर प्रधानमंत्री कहते हुए उन्होंने मनमोहन सिंह पर निजी हमला किया था. लेकिन जितना उन्होंने उन पर हमला किया उतना ही उनका खुद का नुकसान होता गया. बाद में हालात यह रहे कि जनता ने इस बात को नकार दिया और सिंह एक बार फिर किंग बने. निजी हमले न उस समय काम किए थे और न ही आज काम कर सके. जितना विपक्ष ने उन पर हमले किए, यहां तक की चोर शब्द का भी इस्तेमाल किया उतना ही लोगों का उन्हें सपोर्ट मिलता रहा.
एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएंगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp अपडेट्स
.
Tags: BJP, Congress, Lok Sabha Election 2019, Lok Sabha Election Result 2019, Rahul gandhi