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- Lok Sabha Analysis: Impact Of NYAY Scheme And Nationalism On Election Results 2019 In BJP And Congress Govern States
राहुल के वादों का असर नहीं, भाजपा+ ने एनडीए और कांग्रेस शासित राज्यों में अपनी सीटें बढ़ाईं
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- एनडीए शासित 16 राज्यों में 253 लोकसभा सीटें, इनमें से पिछली बार भाजपा+ ने 212 और कांग्रेस+ ने 26 सीटें जीती थीं
- इन राज्यों में इस बार भाजपा+ 213 और कांग्रेस+15 सीटों पर आगे
- कांग्रेस शासित 6 राज्यों में 107 लोकसभा सीटें, इनमें पिछली बार कांग्रेस को 16 और भाजपा को 86 मिली थीं
- इस बार इन राज्यों में भाजपा 88 और कांग्रेस 17 पर आगे
- गैर भाजपा-कांग्रेस शासित राज्यों में कांग्रेस+ को 44 सीटों का फायदा
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के आखिरी दौर को छोड़ दें तो इस बार चुनाव में भाजपा के लिए राष्ट्रवाद और कांग्रेस के लिए न्याय योजना प्रमुख मुद्दा रहा। इस बार मोदी ने प्रचार के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे को राष्ट्रवाद से जोड़ा। इसी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्याय योजना का प्रचार सबसे ज्यादा किया। भाजपा को गुजरात और राजस्थान में पूरी सीटें मिलीं। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी भाजपा ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जमकर प्रचार किया। वहां भाजपा की सीटें 2 से बढ़कर 18 पर पहुंचीं।
16 राज्यों में भाजपा+ की सरकार, यहां 253 लोकसभा सीटें
नतीजे : भाजपा+ : 216, कांग्रेस+ : 15 ; राष्ट्रवाद की लहर चली
ऐसे समझें : भाजपा+ की सरकार वाले इन राज्यों में राष्ट्रवाद सभी पर भारी पड़ा। इन राज्यों की 253 लोकसभा सीटें में से भाजपा+ को 216 सीटें मिलीं, जो पिछली बार की 212 सीटों से 4 ज्यादा हैं। उधर, यूपीए को 11 सीटों का नुकसान हुआ है। पिछली बार यूपीए के हिस्से इन राज्यों की 26 सीटें आईं थीं। इस बार यह आंकड़ा घटकर 15 पहुंच गया।
एनडीए शासित राज्य |
कुल सीटें |
भाजपा+ |
कांग्रेस+ |
अन्य |
उत्तर प्रदेश |
80 |
62 | 1 | 17 |
महाराष्ट्र |
48 |
41 | 5 | 2 |
बिहार |
40 |
38 | 2 | 0 |
गुजरात |
26 |
26 | 0 | 0 |
झारखंड |
14 |
12 | 2 | 0 |
असम |
14 |
9 | 3 | 2 |
हरियाणा |
10 |
10 | 0 | 0 |
उत्तराखंड |
5 |
5 | 0 | 0 |
हिमाचल |
4 |
4 | 0 | 0 |
गोवा |
2 |
1 | 1 | 0 |
अरुणाचल प्रदेश |
2 |
2 | 0 | 0 |
त्रिपुरा |
2 |
2 | 0 | 0 |
मणिपुर |
2 |
1 | 0 | 1 |
नगालैंड |
1 |
1 | 0 | 0 |
मेघालय |
2 |
1 | 1 | 0 |
मिजोरम |
1 |
1 | 0 | 0 |
कुल |
253 |
216 | 15 | 22 |
6 राज्यों में कांग्रेस की सरकार, यहां 107 लोकसभा सीटें
नतीजे : भाजपा : 92, कांग्रेस : 14 ; यूपीए शासित राज्यों में भी फेल रही न्याय योजना
ऐसे समझें : कांग्रेस शासित राज्यों में भी राष्ट्रवाद के आगे न्याय योजना बेअसर रही। इन राज्यों की 107 सीटों में से कांग्रेस और उसके सहयोगियों के हिस्से महज 14 सीटें आईं। 2014 में यह आंकड़ा 16 था। इन राज्यों में पिछली बार भाजपा+ को 86 सीटें मिलीं थीं। इस बार भाजपा ने यहां अपनी 6 सीटें और बढ़ा लीं।
राज्य |
कुल सीटें |
भाजपा+ |
कांग्रेस+ |
अन्य |
मध्य प्रदेश |
29 |
28 | 1 | 0 |
कर्नाटक |
28 |
26 | 2 | 0 |
राजस्थान |
25 |
25 | 0 | 0 |
पंजाब |
13 |
4 | 8 | 1 |
छत्तीसगढ़ |
11 |
9 | 2 | 0 |
पुडुचेरी |
1 |
0 | 1 | 0 |
कुल |
107 |
92 | 14 | 1 |
9 राज्यों में गैर भाजपा-कांग्रेस दलों की सरकारें, यहां 178 लोकसभा सीटें
नतीजे : भाजपा+ : 42, कांग्रेस+ 58, अन्य 78 ; राष्ट्रवाद और न्याय योजना का मिलाजुला असर
ऐसे समझें :अन्य दलों की सरकारों वाले राज्यों में कांग्रेस की न्याय योजना का अच्छा असर देखने को मिल रहा है। इन राज्यों में कांग्रेस+ पिछली बार के मुकाबले 40 सीटें ज्यादा लाई। 2014 में कांग्रेस+ के हिस्से महज 18 सीटें आईं थीं। इस बार यह आंकड़ा 58 पहुंच गया। वहीं भाजपा+ भी इन राज्यों में 2014 के मुकाबले 8 सीटों का फायदा हुआ है।
राज्य |
कुल सीटें |
भाजपा+ |
कांग्रेस+ |
अन्य |
पश्चिम बंगाल |
42 |
18 | 1 | 23 |
तमिलनाडु |
39 |
2 | 32 | 5 |
आंध्र प्रदेश |
25 |
0 | 0 | 25 |
तेलंगाना |
17 |
4 | 4 | 9 |
ओडिशा |
21 |
8 | 0 | 13 |
केरल |
20 |
0 | 19 | 1 |
दिल्ली |
7 |
7 | 0 | 0 |
जम्मू-कश्मीर |
6 |
3 | 2 | 1 |
सिक्किम |
1 |
0 | 0 | 1 |
कुल |
178 |
42 | 58 | 78 |
कांग्रेस ने देश के गरीबों के साथ न्याय के रूप में पेश की थी ‘न्याय योजना’
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस न्याय योजना को गेम चेंजर बताती रही। राहुल गांधी ने अपने भाषणों में ज्यादातर समय लोगों को न्याय योजना क्या है, इसके बारे में बताया। राहुल ने अपनी रैलियों में बताया कि मोदी ने 15 लाख देने का झूठा वादा किया था, लेकिन हम न्याय योजना के तहत हर साल 72,000 रुपए देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को देंगे। राहुल ने यह भी कहा कि अगर मोदी किसानों और आम आदमी का पैसा बैंकों से निकालकर विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों को दे सकते हैं तो कांग्रेस देश के गरीबों और किसानों के साथ न्याय के लिए ‘न्याय योजना’ ला सकती है।
भाजपा का चुनाव प्रचार और राष्ट्रवाद
भाजपा ने राष्ट्रवाद को अपने चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा बनाया। मोदी ने अपनी रैलियों में राष्ट्रीय सुरक्षा, पाकिस्तान, आतंकवाद, सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक का ज्यादातर जिक्र किया। मोदी कई मौकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी सरकार की तुलना यूपीए सरकार से करते रहे। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने पर भी मोदी ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाई थी।