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मोदी के तूफान में उड़ गए कांग्रेस के 9 पूर्व मुख्यमंत्री, मिली करारी हार

Election results लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की हालत ऐसी है कि 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. इनमें पहला नाम मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का है.

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पीएम मोदी और अमित शाह (तस्वीर- PTI)
पीएम मोदी और अमित शाह (तस्वीर- PTI)

मोदी लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के नतीजों में प्रचंड बहुमत प्राप्त की है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की हालत ऐसी है कि 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. इनमें पहला नाम है मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का.

1. दिग्विजय की हार

कांग्रेस के कदावर नेता दिग्विजय सिंह ने मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी और भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ ताल ठोका था. इस जंग में प्रज्ञा ने सिंह को 3,64,822 मतों के भारी अंतर से पराजित कर प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में जीत दर्ज की है. दिग्विजय सिंह  को 35 फीसदी वोट मिले. वहीं, प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 61 फीसदी वोट मिले.

पूरे देश की निगाहें इस चुनाव पर लगी हुई थी. निर्वाचन आयोग की आधिकारिक घोषणा के अनुसार भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कुल 8,66,482 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को 5,01,660 मत मिले. भोपाल लोकसभा सीट पर नोटा सहित कुल 31 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और 5,430 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाना पसंद किया.

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2. मनोज तिवारी की बड़ी जीत

उत्तर पूर्व दिल्ली सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अपनी निकटतम प्रत्याशी और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को करीब 3 लाख 66 हजार वोटों के अंतर से परास्त किया. दिल्ली में कांग्रेस (22.5 प्रतिशत) और आप (18.1 प्रतिशत) के सम्मिलित वोट की तुलना में भाजपा ने 56 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल किए. भाजपा ने 2014 में 46.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.

3. हुड्डा को मिली हार

भाजपा ने हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा लगभग साफ कर दिया है. भगवा पार्टी ने राज्य में 10 सीटों में 8 सीटें जीत ली है, वहीं एक सीट आईएनएलडी के खाते में गई है. बाकी बची एक सीट पर कांग्रेस आगे है. मोदी लहर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. सोनीपत में उन्हें भाजपा के निवर्तमान सांसद रमेश चंद्र कौशिक ने 1,64,864 मतों के अंतर से हारा दिया. 2014 में भाजपा ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसमें से 7 पर जीत हासिल की थी. आईएनएलडी ने 2 सीटें और कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही थी.

4. उत्तारखंड में रावत की हार

भाजपा ने उत्तराखंड में 2014 आम चुनावों के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर पांचों सीटों पर इस बार और अधिक मतों के अंतर से अपने चिर प्रतिद्वंदी कांग्रेस को मात दे दी. सभी सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के साथ ही भाजपा ऐसा करने वाली प्रदेश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी बन गई है. प्रदेश के इतिहास में आज तक कोई भी राजनीतिक पार्टी लगातार दो आम चुनावों में जीत नहीं दोहरा पाई है. उधमसिंह नगर-नैनीताल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3,39,096 मतों से हराया. भटट को 772195 मत मिले जबकि रावत को 433099 मतों से संतोष करना पड़ा.

5. अशोक चौहाण को भी मिली निराशा

महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां के नांदेड लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रताप चिकलीकर ने 40,148 मतों के अंतर से हरा दिया है. सत्ताधारी गठबंधन ने 2014 के चुनाव में 42 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 2014 के आम चुनाव में 2 सीटें जीती थीं.

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6. शिंदे ने भी गंवाया सीट

महाराष्ट्र की सोलापुर सीट पर कांग्रेस के एक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा नेता जयसिद्धेश्वर स्वामी के खिलाफ ताल ठोका था लेकिन उन्हें 1,58,608 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

7. मुकुल संगमा की भी हार

मेघालय की तुरा सीट से नेशनल पीपल्स पार्टी की अगाथा संगमा ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री  मुकुल संगमा को  64030 वोटों के अंतर से हरा दिया है. इस सीट से कुल 3 उम्मीदवार मैदान में थे. कॉनरॉड के. संगमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी की ओर से अगाथा के संगमा मैदान में थे, जबकि कांग्रेस की ओर से डॉक्टर मुकुल संगमा और भारतीय जनता पार्टी की ओर से रिकमैन गैरी मोमीन अपनी किस्मत आजमा रहे थे.

8. नाबाम तुकी

चुनाव आयोग के मुताबिक अरुणाचल पश्चिम सीट से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार किरण रिजीजू, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नाबाम तुकी से 1,39,854 वोटों से आगे चल रहे हैं. साल 2014 में रिजीजू ने कांग्रेस के टी संजय को 41738 वोटों से शिकस्त दी थी.

9. वीरप्पा मोइली भी हारे

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली को भाजपा उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने चिकबल्लापुर सीट पर 1,82,110 मतों के अंतर से हरा दिया है. गौड़ा को 7,45,912 जबकि मोइली को 5,63,802 वोट मिले. पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(से) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे. उल्लेखनीय है कि गौड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव में मोइली से करीब 9,500 मतों के अंतर से हारे थे. मोइली 1992 से 1994 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे.

वह 2009 के लोकसभा चुनाव में चिकबल्लापुर से निर्वाचित हुए थे. पिछले आम चुनाव में वोक्कालिगा वोटों के बंटने को गौड़ा की हार का कारण बताया गया था. तटीय क्षेत्र से आने वाले मोइली इस चुनाव में बहुत हद तक जद(एस) पर निर्भर थे, जिसके पास वोक्कालिगा समुदाय का मजबूत समर्थन है. हालांकि, पुराने मैसूर के मांड्या, मैसूर और हासन जैसे क्षेत्रों में दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच रहा मतभेद मोइली की हार का कारण रहा होगा.

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