उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल संसदीय सीट गोरखपुर पर इस बार सभी की नजरें टिकी रहीं. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के रविंद्र श्याम नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन, कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी और समाजवादी पार्टी के राम भुआल निषाद के बीच था. इस चुनावी लड़ाई में बीजेपी से रवि किशन ने 717122 यानी 60.54% वोटों से जीत हासिल की. वहीं, सपा से राम भुअल निषाद 415458 यानी 35.07% वोटों से दूसरे स्थान पर रहे.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर लोकसभा सीट पर 19 मई को वोटिंग हुई थी. यहां कुल 58.02 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस बार यहां से कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे.
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बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन भोजपुरी और हिंदी सिनेमा के बड़े कलाकार हैं. खास बात यह है कि गोरखपुर से एक भी उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर मैदान में नहीं है.
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उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. ये इलाका बीजेपी का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता है. पिछले ढाई दशक से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा रहा है, लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर योगी आदित्यनाथ को विराजमान होने के बाद हुए उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा ने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी.
18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं यहां
गोरखपुर लोकसभा सीट के इतिहास पर अगर नजर डालें तो अभी तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से पांच बार कांग्रेस को जीत मिली, जबकि सबसे ज्यादा सात बार बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी. इसके अलावा दो बार निर्दलीय, एक बार हिंदू महासभा, एक बार भारतीय लोकदल और एक बार सपा को जीत मिली है.
निषाद समुदाय निर्णायक
1989 से महंत अवेद्यनाथ ने यहां से हिंदू महासभा उम्मीदवार के तौर परजीत दर्ज की थी. इसके बाद 1991 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और 1991 और 1996 में जीत का परचम लहराया. 1998 में योगी आदित्यनाथ उनके राजनीतिक वारिस के तौर पर उतरे और इस सीट पर लगातार जीतते रहे तथा 2014 तक लगातार पांच बार यहां से सांसद चुने गए. लेकिन सीएम बनने के बाद 2017 में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया. 2018 के उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा से प्रवीण कुमार निषाद यहां सांसद बने.
गोरखपुर संसदीय सीट पर 2011 की जनगणना के अनुसार 19.5 लाख मतदाता हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा निषाद समुदाय के वोटर हैं. गोरखपुर सीट पर करीब 3.5 लाख वोट निषाद जाति के लोगों का है. उसके बाद यादव और दलित मतदाताओं की संख्या है. दो लाख के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं. करीब 13 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
गोरखपुर लोकसभा सीट के तहत सूबे की 5 विधानसभा सीट आती है. इनमें कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर नगरीय, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवां सीट है. मौजूदा समय में इन सभी पांचों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
2014 और 2018 का उतार-चढ़ाव
2014 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट पर बीजेपी योगी आदित्यनाथ ने सपा की राजमति निषाद को 3,12,783 वोट से मात दी थी, लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में सपा के प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को कांटेदार मुकाबले में 21,881 मतों से हरा दिया. इस जीत के साथ ही सपा पहली बार गोरखपुर सीट से खाता खोलने में कामयाब रही.
पिछले साल हुए उपचुनाव में सपा के प्रवीण निषाद को 4,56,513 वोट मिले जबकि बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को 4,34,632 वोट मिले. वहीं कांग्रेस की डॉ. सुरहिता करीम को 18,858 वोट मिले.
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